देवब्रत मंडल

ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर रेल लाइन बिछाने के कार्य ने नए वर्ष में गति पकड़ी है। रेल लाइन बिछाने के पूर्व किस मोहल्ले, गांव के लोगों आने जाने के लिए आरयूबी/आरओबी की जरूरत है। जिसे लेकर स्थल को चिन्हित करने के लिए एक संयुक्त टीम द्वारा 3 जनवरी 2025 को सर्वे किया गया है। इस टीम में गया नगर निगम के अभियंता के साथ रेलवे के भी अभियंता शामिल थे। इन दोनों की संयुक्त टीम द्वारा शुक्रवार को गया नगर निगम के वार्ड नं 04 अंतर्गत कंडी नवादा वार्ड नं 01(राजस्व वार्ड) के आदर्श नगर, पाँचबिगहिया मोहल्ले के अलावा कई और क्षेत्रों में सर्वे किया गया।

नगर आयुक्त ने सर्वे के लिए अभियंताओं को दिया निर्देश
आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर आयुक्त कुमार अनुराग ने रेलवे द्वारा भेजे गए एक पत्र के आलोक में निगम के कई अभियंताओं को सर्वे के दौरान रेल अभियंता के साथ रहने का निर्देश दिया। जिसके आलोक में शुक्रवार को टीम संयुक्त सर्वे करने पहुंची।
दुर्वे से मानपुर के बीच आरयूबी/आरओबी बनने की संभावना

बताया गया है कि इस संयुक्त टीम के द्वारा दुर्वे, कटारी, बंगाली बिगहा, कुजापी, नेयाजीपुर, कंडी नवादा, मानपुर, गेरे, लखनपुर और रसलपुर में डीएफसीसी रेल परियोजना के लिए अधिग्रहित की जा चुकी जमीन पर सर्वे किया गया है। जहां जरूरत के अनुरूप आरओबी या आरयूबी बनाया जा सकता है।
संयुक्त सर्वे में ये सभी अभियंता हैं शामिल
संयुक्त टीम में गया नगर निगम के अभियंता देवनंदन प्रसाद, धर्मेंद्र कुमार, दिनकर प्रसाद एवं किशोर प्रसाद के अलावा रेलवे के वरीय प्रशाखा अभियंता उमेश कुमार शामिल थे।
गया-पहाड़पुर के बीच सर्वे करने पहुंची थी टीम
सोननगर से अंडाल के बीच डीएफसीसीआईएल द्वारा तीसरी और चौथी ब्रॉडगेज रेल लाइन बिछाने का काम तेजी से चल रहा है। इस बीच गया-पहाड़पुर स्टेशनों के बीच अधिग्रहित की गई जमीन पर अलग से रेल लाइन बिछाई जाएगी। जिसके लिए यह टीम सर्वे करने पहुंची थी।
कई रैयतों को नहीं मिला है मुआवजा एवं आर एंड आर पालिसी की राशि

इस प्रकार के सर्वे की जानकारी जैसे ही भूमि अधिग्रहण के दायरे में आ चुके कई रैयतों ने बताया कि उन्हें अबतक उन्हें मुआवजे की राशि नहीं मिली है। कंडी नवादा के रैयत उर्मिला देवी के पुत्र कमलेश कुमार ने बताया कि जिला भूअर्जन कार्यालय में दो साल से अधिक समय से चक्कर लगा रहा हूं लेकिन अबतक मुआवजे के लिए कोई आदेश नहीं हुआ है। जबकि सारे कागजात जमा कर चुका हूं। वहीं दुर्वे,कटारी के रैयत सुरेंद्र यादव की भी यही शिकायत है। जबकि अन्य रैयतों ने बताया कि पुनर्वास एवं पुनर्स्थापित नीति के तहत पांच लाख रुपये अब तक नहीं मिले हैं। इसके लिए भूअर्जन कार्यालय का चक्कर लगा कर थक गए।