देवब्रत मंडल

गया रेलवे स्टेशन पर एक महिला, गुड़िया देवी, अपने दो नाबालिग बच्चों के साथ गुस्से में पहुंची, जिसने अपने ससुराल को छोड़ने का फैसला कर लिया था। महिला ने बताया कि वह सास और ननद से नाराज होकर घर से निकल गई थी। घबराए परिजनों ने जब इसकी जानकारी पाई, तो महिला के भाई अजीत कुमार ने तुरंत रेल मदद टीम से संपर्क किया और बहन को ढूंढने की गुहार लगाई। रेल मदद टीम ने सक्रियता दिखाते हुए महिला और उसके बच्चों को सुरक्षित अपनी निगरानी में लिया और उनकी परेशानियों को सुना।
कुछ ही देर में महिला के भाई अजीत कुमार और उनके साथी पंकज चौधरी रेलवे स्टेशन पहुंचे। उन्होंने बहन और भांजे-भांजी को पहचान लिया। बातचीत के बाद महिला ने अपने मामा के साथ जाने की इच्छा जताई, जिसे परिवार ने सहमति दे दी। रेल मदद टीम ने सभी औपचारिकताओं को पूरा कर महिला और बच्चों को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया। उनकी तत्परता और मानवीय संवेदनशीलता की वजह से एक महिला और उसके बच्चों को सुरक्षित उनके परिवार तक पहुंचाया जा सका। यह घटना रेलवे की ‘रेल मदद’ सेवा की सतर्कता और महिला सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो जरूरतमंद यात्रियों के लिए एक भरोसेमंद सहारा बनी हुई है।