
गया जिले के नक्सल प्रभावित डुमरिया थाना क्षेत्र में कुख्यात नक्सली विवेक यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस के अनुसार, वह बिहार और झारखंड में वांछित था और दोनों राज्यों की सरकारों ने उस पर कुल 18 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। मंगलवार को पकवा डैम के पास एक शव बरामद हुआ था। पुलिस को दोपहर में सूचना मिली थी कि टेकरा खुर्द गांव के पकवा बांध के पास एक अज्ञात व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। घटनास्थल पर पहुंचने के बाद शव की जांच की गई, लेकिन तत्काल पहचान नहीं हो सकी। देर शाम मृतक की पत्नी और साली ने उसकी पहचान कुख्यात नक्सली विवेक यादव के रूप में की।
पुलिस जांच में यह सामने आया कि विवेक यादव को दो गोलियां मारी गई थीं—एक चेहरे पर और दूसरी पीठ में। घटनास्थल से खैनी, मास्क और कुछ कागजात भी बरामद किए गए हैं। प्रारंभिक जांच में यह सामने आ रहा है कि विवेक यादव अपनी प्रेमिका से मिलने के लिए वहां पहुंचा था। इसी दौरान उसके साथियों ने उसे गोली मार दी। हालांकि, हत्या के पीछे की असल वजह अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है। आशंका जताई जा रही है कि किसी आंतरिक विवाद या पुलिस के हाथों पकड़े जाने के डर से उसके साथियों ने ही इस वारदात को अंजाम दिया होगा।
घटना की सूचना मिलते ही इमामगंज अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अमित कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने घटना स्थल को सील कर दिया और एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैब) की टीम को जांच के लिए बुलाया गया। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए मगध मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया है।
संदीप यादव की मौत के बाद विवेक यादव को प्रतिबंधित नक्सली संगठन का दक्षिणी बिहार का जोनल कमांडर बनाया गया था। उसने इलाके में अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया था और कई नक्सली घटनाओं को अंजाम दिया था। उसके खिलाफ हत्या, लूट, अपहरण और लेवी वसूली समेत कुल 25 आपराधिक मामले दर्ज थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार, संदीप यादव की मौत के बाद विवेक यादव संगठन में रिजनल कमांडर की भूमिका निभा रहा था। वह ठेकेदारों और पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुका था। उसके बढ़ते आतंक से स्थानीय लोग भी परेशान थे।
रिपोर्ट : दिवाकर मिश्रा ,डुमरिया