
गया। बिहार में जातिगत राजनीति के बढ़ते दौर के बीच कानू समाज ने अपनी हक की लड़ाई को नई धार देने का ऐलान किया है। रविवार को गया शहर के सिंगरा स्थान स्थित कांगली बघौत मंदिर में कानू विकास संघ की बैठक आयोजित हुई। इस दौरान संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय कानू ने समाज के उत्थान और राजनीतिक हिस्सेदारी को लेकर कई अहम बातें रखीं।
बैठक की शुरुआत अजय कानू द्वारा मंदिर में माथा टेककर समाज के उज्जवल भविष्य की कामना से हुई। इसके बाद उपस्थित लोगों ने माला पहनाकर उनका भव्य स्वागत किया। बैठक में संगठन को मजबूत बनाने और आगामी कार्यक्रमों की रणनीति पर चर्चा हुई। इस अवसर पर जिले में संगठन के विस्तार और 2025 के विधानसभा चुनाव में कानू समाज की दमदार उपस्थिति सुनिश्चित करने का संकल्प लिया गया।
‘आबादी 3%, अधिकार 0%’: अजय कानू का सवाल

अजय कानू ने कहा, “बिहार में कानू समाज की आबादी करीब 3% है, लेकिन आज तक हमें हमारा उचित राजनीतिक अधिकार नहीं मिला। लोकसभा, राज्यसभा और विधान परिषद में कानू समाज का प्रतिनिधित्व न के बराबर है। विधानसभा में जो कुछ लोग मंत्री हैं, वे वास्तव में कानू जाति के नहीं, बल्कि मद्धेशिया हलवाई हैं, जिन्होंने कानू जाति के नाम पर सर्टिफिकेट बनाकर सत्ता में जगह बनाई है। अब समय आ गया है कि कानू समाज इस अन्याय के खिलाफ मजबूती से खड़ा हो।”
2025 चुनाव में हिस्सेदारी का दावा
अजय कानू ने जोर देकर कहा कि अगर आगामी विधानसभा चुनाव में कानू समाज को नजरअंदाज किया गया, तो यह समाज भी राजनीतिक दलों को सबक सिखाने में पीछे नहीं रहेगा। “अब हमें सिर्फ अधिकार नहीं चाहिए, बल्कि सरकार में हिस्सेदारी भी चाहिए। राजनीतिक दलों को हमारी आबादी के अनुसार हमें सम्मानजनक स्थान देना होगा, वरना हम अपने रास्ते खुद तय करेंगे,” उन्होंने कहा।
संगठन को मजबूत बनाने की अपील
बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष कमलेश कुमार ने की और संचालन सचिव राम प्रसाद साह ने किया। इस दौरान निर्णय लिया गया कि कानू समाज को एकजुट करने के लिए व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा। साथ ही, आगामी कानू सम्मेलन में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। कार्यक्रम में संघ के अन्य पदाधिकारियों ने भी अपने विचार साझा किए। सभी ने एक स्वर में कानू समाज को हक दिलाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। इस मौके पर कमलेश प्रसाद, राम प्रसाद साह, राजा राम प्रसाद, कृष्णा साव, सत्य प्रकाश, और रोहित कुमार समेत बड़ी संख्या में समाज के लोग मौजूद थे।
कानू समाज की नई चेतावनी
अजय कानू ने स्पष्ट कहा, “अब राजनीतिक दल कानू समाज को नजरअंदाज नहीं कर सकते। यह समाज अब जागरूक हो चुका है और अपनी ताकत का अहसास कराने के लिए तैयार है। बिहार के सियासी परिदृश्य में कानू समाज की आवाज गूंजेगी और अधिकार सुनिश्चित किया जाएगा।”