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विरोध से श्रद्धा तक: हरियाणा की खाप पंचायतों ने संत रामपाल जी महाराज को दिया ‘मानवता रक्षक’ और ‘किसान रक्षक’ सम्मान

On: Sunday, November 9, 2025 2:32 PM

रिपोर्ट: मगध लाइव न्यूज डेस्क

हरियाणा की वही धरती, जहां कभी संत रामपाल जी महाराज के नाम पर विवाद और विरोध देखा गया था, अब उसी प्रदेश की कई प्रमुख खाप पंचायतें उन्हें सम्मानित कर रही हैं। पिछले एक महीने के भीतर हरियाणा के विभिन्न जिलों में आयोजित तीन बड़े समारोहों में संत रामपाल जी को सामाजिक कार्यों के लिए सम्मानित किया गया है। आज संत रामपाल जी महाराज की जयजयकार हो रही है।

इन कार्यक्रमों ने यह संदेश दिया कि सत्य को कभी दबाया नहीं जा सकता है और मानवता के कार्य पूर्वाग्रहों की दीवारें तोड़ सकते हैं।

महम में ‘मानवता रक्षक’ सम्मान

12 अक्टूबर को रोहतक जिले के ऐतिहासिक महम चौबीसी चबूतरे पर आयोजित एक समारोह में संत रामपाल जी महाराज को ‘मानवता रक्षक सम्मान’ से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विभिन्न खापों के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

खाप प्रमुखों ने कहा कि “जेल में रहते हुए भी संत रामपाल जी समाज सेवा का कार्य कर रहे हैं। ‘अन्नपूर्णा मुहिम’ जैसी पहल ने हरियाणा को नई दिशा दी है।”

धनाना गांव में ‘धनाना रत्न’ उपाधि

8 नवंबर को संत रामपाल जी के जन्मस्थान धनाना (सोनीपत) में 36 बिरादरियों की संयुक्त पंचायत ने उन्हें ‘धनाना रत्न’ की उपाधि दी।
स्थानीय बुजुर्गों ने कहा कि “कभी जिन्हें हमने समझा नहीं, आज वही गांव का गौरव हैं। अन्नपूर्णा मुहिम ने भूखे और बाढ़ग्रस्त लोगों को जीवनदान दिया।”

हिसार में ‘किसान रक्षक सम्मान’

9 नवंबर को हिसार जिले के गुराना गांव में नौगामा बूरा खाप, पुनिया खाप, भ्याण खाप और सरपंच एसोसिएशन की संयुक्त बैठक में संत रामपाल जी महाराज को ‘किसान रक्षक सम्मान’ से नवाजा गया। इस अवसर पर किसानों ने कहा कि “जब प्रशासन और सरकार मदद से चूक गए, तब संत जी के अनुयायियों ने खेत बचाने के लिए पाइपलाइन और मोटरें भेजीं। ये किसानों के सच्चे मसीहा हैं।”

अन्नपूर्णा मुहिम: 200 से अधिक गांवों को बाढ़ से राहत

संत रामपाल जी के अनुयायियों द्वारा संचालित ‘अन्नपूर्णा मुहिम’ ने इस वर्ष हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के बाढ़ग्रस्त इलाकों में बड़ी राहत पहुंचाई।

मुख्य उपलब्धियां:

  • लगभग 2 लाख फीट पाइपलाइन स्थापित की गई
  • 500 से अधिक हाई-पावर मोटरें ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचाई गईं
  • करोड़ों रुपये मूल्य की राहत सामग्री वितरित की गई
  • 200 से अधिक गांवों को 24 घंटे के भीतर सहायता मिली

गढ़ी, शाहपुर, छान, किनाला, गंगवा और अजनाला जैसे कई गांवों के निवासियों ने बताया कि सबसे पहले मदद संत रामपाल जी के अनुयायियों की ओर से पहुंची।

समाज सुधार के कार्य

संत रामपाल जी महाराज द्वारा संचालित विभिन्न समाजसेवी अभियानों ने बीते वर्षों में व्यापक प्रभाव डाला है। इनमें प्रमुख हैं:

  • दहेज-मुक्त रमैणी विवाह: अब तक लाखों विवाह बिना दहेज के सम्पन्न हुए हैं
  • नशा मुक्ति अभियान: करोड़ों लोग शराब और तंबाकू से दूर हुए
  • रक्तदान शिविर: हर बड़े समागम में हजारों यूनिट रक्तदान (75वें अवतरण दिवस पर 2,449 यूनिट दर्ज)
  • वृक्षारोपण और देहदान संकल्प: पर्यावरण संरक्षण और मानवता की सेवा को बढ़ावा

सतलोक आश्रम: सामाजिक समानता का केंद्र

भारत और नेपाल में संत रामपाल जी के 12 प्रमुख सतलोक आश्रम संचालित हैं, जिनमें बरवाला (हिसार) स्थित आश्रम मुख्यालय है। यहां हर महीने कबीर प्राकट्य दिवस, गरीबदास बोध दिवस, अवतरण दिवस और दिव्य धर्म यज्ञ दिवस जैसे आयोजन होते हैं, जिनमें लाखों अनुयायी शामिल होते हैं।

आश्रमों का उद्देश्य – “जात-पात, ऊंच-नीच और भेदभाव से मुक्त समाज का निर्माण” बताया जाता है।

संत रामपाल जी महाराज के जीवन संघर्ष और वर्तमान स्थिति

  • जन्म: 1951, धनाना (सोनीपत) , हरियाणा
  • दीक्षा: 1988, कबीर पंथ से
  • 2014: बरवाला प्रकरण में हुई हिंसा के बाद गिरफ्तारी
  • अगस्त 2025: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सजा निलंबित की

वर्तमान में संत रामपाल जी हिसार जेल में है उनके शिष्य वीडियो सत्संग के माध्यम से अपने सत्य धर्म और सच्ची मानवता का ज्ञान दे रहे है। उनके अनुयायियों का कहना है कि यह सजा एक साजिश का परिणाम थी, अब सत्य की जीत हो रही है।”

सोशल मीडिया पर ट्रेंड

इन सम्मानों के बाद सोशल मीडिया पर #DhannaRatan, #KisanRakshakSamman और #AnnapurnaMuhim जैसे हैशटैग लगातार ट्रेंड कर रहे हैं।
कई वायरल वीडियो में किसान और ग्रामीण यह कहते देखे जा रहे हैं कि “संत जी ने हमारी फसलें और गांव बचाए, अब हम उनके आभारी हैं।” हरियाणा की खाप पंचायतों द्वारा संत रामपाल जी महाराज को दिए गए ये सम्मान न केवल उनके समाजसेवी कार्यों की स्वीकृति हैं, बल्कि यह परिवर्तनशील सामाजिक दृष्टिकोण की भी मिसाल माने जा रहे हैं। जहां कभी मतभेद और विरोध था, वहीं आज सेवा और मानवता के कार्यों ने विश्वास की नई नींव रख दी है।

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