न्यूज डेस्क: बॉलीवुड के ‘ही-मैन’ धर्मेंद्र की मौत की अफवाह ने सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों पर तूफान मचा दिया, लेकिन यह सब झूठ साबित हुआ। 89 वर्षीय दिग्गज अभिनेता मुंबई के ब्रेच कैंडी अस्पताल में सांस की तकलीफ के कारण भर्ती हैं, लेकिन वे स्थिर हैं और इलाज का असर दिख रहा है। परिवार ने साफ शब्दों में कहा कि वे रिकवर कर रहे हैं, फिर भी कुछ मीडिया हाउस ने बिना पुष्टि के मौत की खबर चला दी। हेमा मालिनी और बेटी ईशा देओल ने इस ‘अमानवीय’ हरकत पर मीडिया को कड़ी लताड़ लगाई है।
परिवार का गुस्सा: “यह माफ करने लायक नहीं!

धर्मेंद्र की पत्नी और अभिनेत्री हेमा मालिनी ने सोशल मीडिया पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने लिखा, “यह जो हो रहा है, वह असहनीय है! कैसे जिम्मेदार चैनल एक ऐसे व्यक्ति के बारे में झूठी खबर फैला सकते हैं जो इलाज पर रिस्पॉन्स कर रहा है और रिकवर हो रहा है? यह बेहद अपमानजनक और गैर-जिम्मेदाराना है। कृपया परिवार का सम्मान करें और उनकी प्राइवेसी का ख्याल रखें।” हेमा जी ने यहां तक कहा कि मीडिया को ‘कुछ और तरीके से मनोरंजन’ करना चाहिए, न कि किसी की जिंदगी से खेलना।

बेटी ईशा देओल ने भी इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर कर मीडिया को आड़े हाथों लिया। “मीडिया ओवरड्राइव में है और झूठी खबरें फैला रहा है। मेरे पापा स्थिर हैं और रिकवर कर रहे हैं। हम परिवार को प्राइवेसी दें, सब प्रार्थना करें।” ईशा ने साफ कहा कि वेंटिलेटर पर होने या मौत की खबरें पूरी तरह फर्जी हैं। सनी देओल की टीम ने भी बयान जारी कर कहा, “धर्मेंद्र जी स्थिर हैं और निगरानी में हैं। अफवाहें न फैलाएं।”
मीडिया का काला खेल: सनसनीखेज खबरों का बाजार




यह पहली बार नहीं है जब भारतीय मीडिया ने सनसनी फैलाने के चक्कर में सच्चाई की बलि चढ़ाई। 10 नवंबर को धर्मेंद्र के अस्पताल में भर्ती होने की खबर आई, तो कुछ चैनलों ने बिना सोचे-समझे ‘क्रिटिकल कंडीशन’ और ‘वेंटिलेटर पर’ की हेडलाइंस चला दीं। सुबह होते ही ‘मौत की पुष्टि’ वाली खबरें वायरल हो गईं। यहां तक कि विकिपीडिया पर भी उनकी डेथ डेट अपडेट हो गई, जिसे हेमा मालिनी ने ‘मनोरंजन’ बताते हुए निशाना बनाया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और गीतकार जावेद अख्तर जैसे बड़े नामों ने भी श्रद्धांजलि पोस्ट कर दी, जो बाद में डिलीट करनी पड़ी। इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन (IFTDA) ने भी बयान जारी कर कहा, “यह झूठी खबरें फैलाना बेहद दुखद है। मीडिया को जिम्मेदारी निभानी चाहिए।”
सोशल मीडिया पर यूजर्स ने मीम्स और तंजों से मीडिया की क्लास लगाई। एक यूजर ने लिखा, “मीडिया का विश्वास बांग्लादेश पर भरोसे जितना ही है!” एक अन्य पोस्ट में कहा गया, “शर्म करो मीडिया! फर्जी मौत की खबर चलाकर इंसानियत मिटा रहे हो।” विश्व प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत का 151वां स्थान इसी की मिसाल है – जहां सनसनी TRP से ऊपर हो जाती है।
अफवाहों का सफर: सोशल मीडिया से चैनलों तक
यह अफवाह सोशल मीडिया पर एक पुरानी फोटो और अनवेरिफाइड पोस्ट से शुरू हुई। कुछ घंटों में न्यूज चैनलों ने इसे ‘ब्रेकिंग न्यूज’ बना दिया। सलमान खान, शाहरुख खान और गोविंदा जैसे सितारे अस्पताल पहुंचे, लेकिन मौत की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई। परिवार ने अपील की कि प्रार्थना करें, अफवाहें न फैलाएं।
धर्मेंद्र की आगामी फिल्म ‘इक्कीस’ 25 दिसंबर 2025 को रिलीज होनी है, जो उनकी सक्रियता की गवाही देती है। लेकिन मीडिया की इस लापरवाही ने न सिर्फ परिवार को आहत किया, बल्कि लाखों फैंस को झकझोर दिया।
संपादकीय: समय है सुधार का
भारतीय मीडिया को आत्ममंथन करना होगा। फेक न्यूज का यह बाजार कब तक चलेगा? जिम्मेदारी, सत्यापन और नैतिकता – ये शब्द सिर्फ किताबों में नहीं, स्क्रीन पर भी दिखने चाहिए। धर्मेंद्र जैसे लीजेंड की जिंदगी से खेलना बंद करें। परिवार की प्राइवेसी का सम्मान करें, वरना विश्वास का इरादा और कमजोर होगा।
धर्मेंद्र जी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना। जय हिंद!
✍️ दीपक कुमार






