देवब्रत मंडल
गया शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र के पंजाबी कालोनी में अवैध रूप से चल रहे नकली दवाई के विरुद्ध छापामारी के दौरान झूठा मुक़दमा दर्ज कर हमारे पुत्र मोहित कुमार के साथ हमारे साला धर्मेंद्र कुमार और बगल के रहने वाले सूजल कुमार को कोतवाली थाना कांड संख्या 21/25 में झूठा मुक़दमा दर्ज कर फंसाया गया है। बीते दिन यह मामला वरीय पुलिस अधीक्षक व नगर पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचा। पीड़ित ने लिखित आवेदन देकर पीड़ित ने नगर पुलिस अधीक्षक से पूरे मामले की निष्पक्ष जाँच कराने की गुहार लगायी है। नगर पुलिस अधीक्षक से मिलकर घटना के बारे विस्तार से बताया। मकान मालिक ने बताया कि गुरुवार की रात कोतवाली थाना एवं ड्रग्स विभाग ने हमारे किरायेदार के दुकान में छापेमारी की गई थी। छापेमारी में दवा के सैंपल भी ज़ब्त किया किया गया है। उन्होंने मीडिया को बताया कि कोतवाली थाना की पुलिस ने किराएदार को पकडा और पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया। जबकि मुख्य आरोपी राजेश कुमार जिसे पुलिस ने गिरफ्तार किया था, उसे थाने से ही से ही छोड़ दिया गया। जो जाँच का विषय है। पीड़ित परिवार ने बताया कि मुख्य आरोपी राजेश कुमार को ड्रग्स के पदाधिकारी और थाना के सहयोग से छोड़ दिया गया और निर्दोष लोगों को फंसाया गया है।
जिस मकान में अवैध दावा का कारोबार हो रहा था उस मकान के मालिक को भी गिरफ्तार करते हुए उनपर गलत आरोप लगाया गया है तथा दोषी को छोड़ दिया गया। उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में शुक्रवार को नगर पुलिस अधीक्षक से मिलकर दोषियों को सजा दिलाने के लिए लिखित रूप मे आवेदन दिया। ताकि हमलोगों को उचित न्याय मिल सके। उन्होंने कहा मीडिया के द्वारा जब इसकी जानकारी फोन के माध्यम से कोतवाली थाना से ली गई थी तो तो उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि ये ड्रग्स का मामला है। ड्रग्स विभाग के पदाधिकारी के द्वारा आवेदन दिया गया है और कारवाई की गई है। उन्होंने इस मामले में जब ड्रग्स विभाग के इंस्पेक्टर विजय कुमार से जानकारी प्राप्त की गई तो उन्होंने बताया कि यह मामला पुलिस का है। कोर्ट में ज़ब्त के साथ सामग्री से केस करता है। जबकि इस मामले में एक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर खबर प्रसारित हुई थी। जिसमें राजेश कुमार के साथ आशीष कुमार का नाम लिया गया है और कोतवाली थाना के द्वारा मुख्य आरोपी राजेश कुमार को छोड़ दिया गया जो जाँच का विषय है।