रंजिश में बनाई गई थी ‘सागर को मारने की साजिश’, पर मौत के शिकार हो गया मासूम शिवम!
गया। फतेहपुर थाना क्षेत्र में 12 सितंबर की रात हुए चर्चित शिवम हत्याकांड का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। 16 वर्षीय शिवम कुमार की हत्या दरअसल साजिश का हिस्सा नहीं था, बल्कि असली टारगेट उसका चचेरा भाई सागर था। लेकिन किस्मत ने करवट ली और गोलियों का शिकार शिवम हो गया।
क्या था पूरा मामला?

12 सितंबर की रात करीब 10:30 बजे राघोपुर स्थित निर्माणाधीन हाई स्कूल में शिवम का शव गोली लगने से बरामद हुआ। घटना ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी थी। मामला बेहद संवेदनशील होने पर वरीय पुलिस अधीक्षक के आदेश पर डीएसपी सुनील पांडेय के नेतृत्व में एसआईटी बनाई गई। एफएसएल टीम, डॉग स्क्वाड और डीआईयू की मदद से लगातार सुराग जुटाए गए और आखिरकार केस सुलझा लिया गया।
दुश्मनी का खेल – नशे और बदनीयती से उपजी रंजिश
मुख्य आरोपी धर्मवीर कुमार (पिता- नवरंग पासवान, ग्राम- भेटौरा) ने पुलिस पूछताछ में कबूल किया कि वह और उसके साथी मंदिर के पास नशा करते थे। इस पर शिवम का चचेरा भाई सागर उन्हें रोकता-टोकता था। यही नहीं, धर्मवीर को यह भी नागवार गुजरता था कि सागर उसके परिवार की महिलाओं पर गलत नजर रखता था। कई बार दोनों पक्षों में विवाद भी हो चुका था।
इसी रंजिश को खत्म करने के लिए धर्मवीर ने अपने साथियों राजा कुमार (पिता- वासुदेव यादव, ग्राम- ढीबर) और रामप्रवेश उर्फ प्रवेश कुमार (पिता- विजय यादव, ग्राम- रातो खुर्द) के साथ मिलकर सागर को मारने की साजिश रची।
शिवम बना साजिश का शिकार

पुलिस के अनुसार, घटना वाली रात आरोपी घात लगाकर बैठे थे। उन्होंने शिवम को बुलाया और सागर को मोबाइल से कॉल करने को कहा। लेकिन सागर ने फोन नहीं उठाया। इसी बीच शिवम ने उनके हाथों में पिस्टल देख लिया और भागने की कोशिश की। तभी अपराधियों ने उसे पकड़कर स्कूल में ले जाकर सिर में गोली मार दी। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। हत्या को अंजाम देने के बाद राजा और रामप्रवेश मोटरसाइकिल से भाग निकले और गया से ट्रेन पकड़कर फरार हो गए। वहीं, धर्मवीर शक से बचने के लिए गांव में ही रह गया।
पुलिस ने बरामद किए हथियार और एटीएम मशीन!
छापेमारी के दौरान पुलिस ने धर्मवीर के घर से न सिर्फ हत्या में इस्तेमाल पल्सर बाइक बरामद की, बल्कि 13 एटीएम कार्ड, पैन और आधार कार्ड, एटीएम स्वाइप मशीन और एटीएम रीडर मशीन भी जब्त किए।
डीएसपी का बड़ा खुलासा
वजीरगंज कैंप डीएसपी सुनील पांडेय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि यह हत्या पूर्व की रंजिश और बदनीयत का परिणाम थी। पुलिस की टीम ने बेहद मेहनत से पूरे मामले की गुत्थी सुलझाई है।






