
रेलवे सुरक्षा बल (RPF) समय-समय पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए यात्रियों से अपील करता रहा है कि रेलवे ट्रैक पार करने के दौरान लापरवाही न बरतें। आरपीएफ का संदेश साफ है – पटरियां पार करना खतरनाक ही नहीं बल्कि गैरकानूनी भी है। यात्रियों से आग्रह किया गया है कि वे अपने अनमोल जीवन की सुरक्षा के लिए स्टेशन पर बने सब-वे और फुट ओवर ब्रिज का उपयोग करें।
लेकिन सवाल यह है कि क्या इन अपीलों का वास्तविक प्रभाव यात्रियों तक पहुंच रहा है? गया जंक्शन पर हालात देखकर तो ऐसा बिल्कुल नहीं लगता। आरपीएफ की अपील के बावजूद यहां ट्रैक पार करने की घटनाएं आम हैं। तस्वीरों से साफ दिखाई देता है कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी हो रही है।
देखें गया जंक्शन की ये तस्वीरें, जो इस स्थिति की हकीकत बयां कर रही हैं।




हालांकि आरपीएफ ने ट्रेसपासिंग के कई मामलों में कार्रवाई की है, लेकिन स्थिति यह भी दर्शाती है कि जिन्हें इस तरह की लापरवाही रोकने की जिम्मेदारी दी गई है, वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी गंभीरता से नहीं कर पा रहे हैं।
गौरतलब है कि कुछ ही दिनों बाद गया जी में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला 2025 शुरू होने वाला है। ऐसे में अगर सुरक्षा व्यवस्था में इसी तरह की लापरवाही जारी रही, तो हादसों की आशंका बढ़ जाएगी और जिम्मेदारी तय करने का बड़ा सवाल खड़ा हो जाएगा।