रिपोर्ट: देवब्रत मंडल
‘नेचुरल कॉल’ का अर्थ हर पढ़े लिखे लोग समझते हैं। यह एक ऐसा कॉल है जब इसकी आवश्यकता होती है तो आम आदमी माकूल जगह खोजने लगता है। इसी स्वाभाविक क्रिया को महसूस करते हुए सार्वजनिक शौचालय बनाए गए हैं। जिसे ‘इज्जत घर’ का नाम दिया गया। ‘इज्जत घर’ जगह जगह पर बनाए गए ताकि आम आदमी को जब नेचुरल कॉल की तलब होती है इसका सहारा ले सकें।

फिलहाल गया जंक्शन की बात है। रेलवे स्टेशन को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैश करने की दिशा में बड़ी तेजी से कार्य हो रहे हैं। इसी बीच गया जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 1C से सटे शौचालय सह स्नानागार बनाया गया है। जिसकी निविदा हो चुकी है। इस शौचालय सह स्नानागार का उपयोग करने वाले यात्रियों को शुल्क देना होगा। जिससे यात्रियों पर आर्थिक बोझ बढ़ने की उम्मीद
मिली जानकारी के अनुसार, इस नवनिर्मित अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण शौचालय सह स्नानागार का संचालन ‘पे एंड यूज़’ के तर्ज पर किया जाना है। इसके लिए टेंडर आमंत्रित किया गया था। रेलवे सूत्रों ने बताया कि इसी दिसंबर माह में निविदा आमंत्रित की गई थी और गुवाहाटी के किसी निजी एजेंसी सफल बोलीदाता को इसका टेंडर दिया गया है।
रेलवे के एक पर्यवेक्षक स्तर के कर्मचारी ने बताया कि सालाना करीब 62 लाख 12 हजार रुपए भुगतान करने की शर्त पर निविदा में उच्च बोली लगाई थी। इसके आधार पर एजेंसी को सफल बोलीदाता मान लिया गया है। संभावना है कि 14 दिसंबर 2025 तक शेष आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर ली जाती है तो संबंधित एजेंसी को कार्यादेश मिल जाएगा। यह निविदा तीन साल के लिए आमंत्रित की गई थी तो इस हिसाब से 1 करोड़ 86 लाख 36 हजार देय होगा।
निविदा के शर्तों के अनुसार देखें तो संवेदक को प्रतिदिन करीब 17 हजार 250 रुपये का भुगतान रेलवे को करना होगा। सूत्रों ने बताया कि रेलवे ने प्रतिदिन के हिसाब से करीब 9400 रुपए भुगतान का लक्ष्य रखा था लेकिन उच्च बोली लगाकर गुवाहाटी की एक ऐजेंसी ने टेंडर ले लिया है।
स्वाभाविक है कि इस रेट पर जब एजेंसी ने इसकी निविदा ले लिया है तो इसका बोझ यात्रियों पर ही पड़ेगा। वैसे देखा जाए तो जिस स्थान पर फिलहाल यह डीलक्स शौचालय सह स्नानागार बना हुआ है। यहां पर यात्रियों की आवाजाही काफी कम है लेकिन जहां तक 2026 तक इस गया जंक्शन को पूरी तरह से तैयार कर लिए जाने की बात कही जा रही है तो आने वाले दिनों में हो सकता है कि यात्रियों की संख्या में इस ओर बढ़ेगी। जिससे संवेदक को आने वाले दिनों में निविदा की शर्तों के अनुसार रेल को भुगतान करने में शायद परेशानी नहीं आएगी।
वर्तमान में संचालित डीलक्स शौचालय सह स्नानागार को तोड़ा जाना है लेकिन इसके पहले नवनिर्मित अत्याधुनिक सुविधाओं से लैश डीलक्स शौचालय सह स्नानागार को चालू करना होगा। क्योंकि यात्रियों को नेचुरल कॉल के वक्त कहीं और न भटकना पड़े। वैसे रेलवे सूत्रों की मानें तो 15 दिसंबर तक पूर्व से संचालित डीलक्स शौचालय सह स्नानगृह को तोड़ दिया जाएगा।






