देवब्रत मंडल
रेलमंत्री लालू प्रसाद के कार्यकाल में रेलवे में आधारभूत संरचनाओं के विकास को लेकर एक योजना बनी थी। जिसका नाम डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर है। श्री प्रसाद जब रेलमंत्री थे तो इनके कार्यकाल में मालों की ढुलाई के लिए अलग से रेल लाइन बिछाने के लिए मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर हस्ताक्षर हुआ। इस महत्वपूर्ण रेल परियोजना डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए लालू प्रसाद जापान भी गए थे। इसके बाद ईस्टर्न डेडीकेट फ्रेट कॉरिडोर और वेस्टर्न डेडीकेट फ्रेट कॉरिडोर परियोजना के लिए विश्व बैंक और जाईका से ऋण लेने की बात हुई थी। इसके बाद रेल मंत्रालय से इसे मंजूरी मिल गई। ईडीएफसीसी विश्व बैंक से लिए गए ऋण से बनने की बात है।
2013 में पहली बार हुई थी भूमि अधिग्रहण करने की घोषणा
2013 में पहली बार इन दोनों परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए अधिसूचना जारी की गई थी। जिसमें एक ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट परियोजना लुधियाना से पश्चिम बंगाल के डांकुनी तक मालों की ढुलाई के विशेष रेल परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के आशय की घोषणा सार्वजनिक तौर पर की गई थी।
कतिपय कारणों से दो वर्षों की समय सीमा पार कर गई
जिस वक्त 2013 के अगस्त महीने में भूमि अधिग्रहण के आशय की घोषणा की गई तो निर्धारित दो साल की अवधि में भूमि अधिग्रहण कानून के तहत कार्य पूरा नहीं हो सका।
पुनः 2015 में भूमि अधिग्रहण की घोषणा की गई
जब 2013 से 2015 के बीच भूमि अधिग्रहण का कार्य नहीं हो पाया तो पुनः इसी आशय की घोषणा 3 मई 2015 में सार्वजनिक रूप से की गई। इसके बाद अधिग्रहण कानून के तहत गया जिले के 14 राजस्व ग्राम काष्ठा स्टेशन से लेकर मानपुर जंक्शन तक की भूमि अधिग्रहित करने का कार्य पूरा कर लिया गया।
2022 में अधिग्रहित भूमि को खाली करा दिया गया
भूमि अधिग्रहण के नए कानून के तहत अधिग्रहित की गई गया जिले के 14 मौजा (राजस्व ग्राम) की जमीन पर रहे संरचनाओं को तोड़ दिया गया। कई परिवार बेघर हो गए।
अधिग्रहण से प्रभावित परिवार कोर्ट के शरण में चले गए
लोग सही मुआवजे के लिए कोर्ट तक गए थे लेकिन मगध प्रमंडल आयुक्त के न्यायालय(आर्बिट्रेटर) के निर्णय से लोग संतुष्ट नहीं थे तो आपत्ति के साथ मुआवजा ले लिया। इसके बाद न्यायालय में चले गए हैं। अभी यह मामला गया के जिला न्यायालय में विचाराधीन है।
अब जाकर अधिग्रहित भूमि पर लाइन बिछाने का काम हो रहा शुरू
2013 से भूमि अधिग्रहण की चली प्रक्रिया के बाद अब रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के कार्यकाल 2024 में गया जिले में अधिग्रहित की गई भूमि पर रेल पटरी बिछाने का काम शुरू हुआ है। इस बीच सोननगर से डांकुनी के बीच गया जिले में इस रेल परियोजना के लिए अधिग्रहित जमीन पर कार्य करने वाली ऐजेंसी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) से यह कार्य रेलवे ने अपने हाथों में ले लिया और गति शक्ति योजना के तहत इसे क्रियान्वयन करने की जिम्मेदारी ले ली।
पदाधिकारी का है कहना
20 नवंबर 2024 को गया जिले के नगर प्रखंड सह अंचल चंदौती के राजस्व ग्राम कंडी नवादा के वार्ड नं 01(राजस्व ग्राम) में पूर्व मध्य रेल की ओर से सूचना सार्वजनिक की गई कि अब रेल पटरी बिछाने का काम शुरू हो गया है तो जमीन पर से अतिक्रमण हटा लें, इस कार्य में लोगों से सहयोग की अपील की जा रही है। इस संबंध में जब संबंधित अधिकारी पवन सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि काष्ठा स्टेशन से लेकर मानपुर जंक्शन के बीच अधिग्रहित की जमीन पर पटरी बिछाने का काम शुरू हो गया है। इसी को लेकर सूचनाएं सार्वजनिक की जा रही है।