पूर्व मध्य रेलवे के पंडित दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) मंडल ने बिना टिकट या अनुचित प्राधिकार के यात्रा करने वालों के खिलाफ अपनी मुहिम को तेज करते हुए एक व्यापक और सघन टिकट जाँच अभियान चलाया। 9 दिसंबर 2025 (मंगलवार) को सासाराम और रफीगंज रेलवे स्टेशनों पर ‘किलेबंदी’ रणनीति अपनाते हुए यह विशेष अभियान सफलतापूर्वक पूरा किया गया।

इस सघन जाँच के दौरान कुल 825 यात्री बिना उचित टिकट या प्राधिकार के यात्रा करते हुए पाए गए। इन यात्रियों से जुर्माने के तौर पर रेलवे ने 3 लाख 83 हजार रुपये का प्रभावशाली राजस्व अर्जित किया। अभियान की तीव्रता को देखते हुए, टिकट काउंटरों पर यात्रियों की काफी भीड़ भी देखी गई, जो दर्शाता है कि बड़ी संख्या में यात्रियों ने तुरंत टिकट खरीदे।
रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के सहयोग से पर्याप्त संख्या में टिकट चेकिंग स्टाफ (TTEs) की तैनाती की गई थी। अधिकारियों ने पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया, जिसमें प्लेटफॉर्म, पैदल पुल, और प्रवेश/निकास के सभी बिन्दु शामिल थे। इसके अतिरिक्त, आवागमन कर रही ट्रेनों के अंदर भी सघन जाँच की गई।

जाँच अभियान के दौरान, विशेष रूप से महत्वपूर्ण ट्रेन 12397 गया-नई दिल्ली महाबोधि एक्सप्रेस पर ध्यान केंद्रित किया गया, जहाँ बड़ी संख्या में अनियमित यात्री पकड़े गए। इसके अलावा, मंडल से गुजरने वाली कई अन्य ट्रेनों में भी जाँच की गई।
रेल प्रशासन ने इस अभियान के माध्यम से यात्रियों को उचित टिकट लेकर ही यात्रा करने की सलाह दी और जागरूकता बढ़ाई। रेलवे ने यह भी दोहराया कि अब टिकट काउंटर, रेलवे की वेबसाइट, मोबाइल ऐप और ऑटोमैटिक टिकट वेंडिंग मशीन (एटीवीएम) जैसे माध्यमों से टिकट प्राप्त करना बहुत सरल हो गया है।
रेल प्रशासन ने एक बार फिर दोहराया है कि बिना टिकट यात्रा करना भारतीय रेल अधिनियम के तहत एक दंडनीय अपराध है। डीडीयू मंडल द्वारा इस प्रकार के सघन जाँच अभियान भविष्य में भी लगातार जारी रहेंगे, ताकि यात्रियों को सुरक्षित और व्यवस्थित यात्रा अनुभव प्रदान किया जा सके।






