कोटेश्वर महादेव महोत्सव: बच्चों की प्रस्तुति और इषिका विश्वकर्मा के गीतों ने बांधा समां, लेकिन भीड़ ने किया निराश

Deepak kumar

रिपोर्ट : अजीत कुमार

कोटेश्वर नाथ धाम में आयोजित दो दिवसीय कोटेश्वर महादेव दशहरा महोत्सव की शुरुआत कस्तूरबा विद्यालय, रहीम बिगहा के छोटे-छोटे बच्चों की संगीतमय प्रस्तुतियों से हुई। बच्चों ने “दुर्गा है मेरी मां”, “अंबे है मेरी मां”, और “ऊंचे भवन में होती है तेरी जय जयकार” जैसे भक्ति गीतों से कार्यक्रम का शानदार आगाज किया, जिसने वहां मौजूद दर्शकों और मुख्य अतिथियों को भावविभोर कर दिया।

बच्चों की प्रस्तुतियों से मंत्रमुग्ध हुए अतिथि

कस्तूरबा विद्यालय के बच्चों ने एक के बाद एक प्रस्तुति देकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इन शानदार प्रस्तुतियों के बाद, मुख्य अतिथि उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संदीप कुमार, न्यायमूर्ति शशिभूषण प्रसाद सिंह, और पूर्व लोकायुक्त न्यायमूर्ति श्याम किशोर शर्मा ने बच्चों को सम्मानित करते हुए कोटेश्वर नाथ धाम का मोमेंटो भेंट किया।

लोक गायिका इषिका विश्वकर्मा की प्रस्तुति से सजी शाम

कार्यक्रम के अगले चरण में उद्घोषक सुधीर पांडेय ने जिला प्रशासन की ओर से आमंत्रित प्रमुख कलाकार लोक गायिका इषिका विश्वकर्मा का नाम मंच से घोषित किया। रंगमंच पर पहुंचकर इषिका विश्वकर्मा ने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत सुप्रसिद्ध गीत “सत्यम शिवम् सुंदरम” से की, जिससे माहौल में आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक रंग घुल गया। इसके बाद उन्होंने देवी और शिव भक्ति गीतों के साथ कई फिल्मी और लोकगीतों की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दीं, जिन्होंने शाम को संगीतमय बना दिया।

हालांकि, इषिका विश्वकर्मा की प्रस्तुतियां बेहतरीन थीं, लेकिन दर्शकों में वह उत्साह नहीं दिखाई दिया, जिसकी उम्मीद लेकर लोग कोटेश्वर महादेव दशहरा महोत्सव में आते हैं। शाम के चार बजे तक थोड़ी-बहुत भीड़ मौजूद थी, लेकिन पांच बजे तक अधिकांश लोग कार्यक्रम स्थल से निकलने लगे। अंत में, एडीएम परितोष कुमार ने पांच बजे कार्यक्रम के पहले दिन के समापन की घोषणा की। पहले दिन की शुरुआत जहां बच्चों की मनमोहक प्रस्तुतियों से हुई, वहीं शाम के कार्यक्रम में दर्शकों की कमी ने आयोजन की चमक को थोड़ा फीका कर दिया। अब सभी की नजरें महोत्सव के दूसरे दिन के कार्यक्रम पर टिकी हैं, जब और भी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी।

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