गया: गैलेंट इंडिया फाउंडेशन के कटारी स्थित प्रगति केंद्र पर नवरात्रि के पावन अवसर पर एक भावपूर्ण और प्रेरणादायी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस विशेष कार्यक्रम में कन्या पूजन सह सम्मान समारोह के साथ-साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती भी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई। यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक मूल्यों को संजोने का एक प्रयास था, बल्कि समाज में शिक्षा, एकता और मातृशक्ति के सम्मान का संदेश देने का भी एक सशक्त माध्यम बना।
कन्या पूजन: मातृशक्ति का सम्मान
कार्यक्रम की शुरुआत प्रगति केंद्र से जुड़ी स्लम क्षेत्र की बच्चियों के पारंपरिक कन्या पूजन के साथ हुई। बच्चियों को चुनरी पहनाई गई, कुमकुम और फूलों से उनका श्रृंगार किया गया, और उन्हें पाठ्य सामग्री, मिष्ठान और उपयोगी वस्तुएं भेंट की गईं। सम्मानित होने के बाद बच्चियों के चेहरों पर खुशी और उत्साह की चमक साफ झलक रही थी।
कार्यक्रम का सबसे हृदयस्पर्शी क्षण तब आया जब सभी बच्चों और उपस्थित लोगों ने एक साथ गीत “खुद जिएं, सबको जीना सिखाएं” गाया। इस सामूहिक गायन ने न केवल वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया, बल्कि सामाजिक समरसता और मानवता की भावना को भी और गहरा किया। यह पल सभी के लिए एकजुटता और प्रेम का प्रतीक बन गया।
मुख्य अतिथि का प्रेरणादायी संदेश

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री चितरंजन कुमार ने बच्चियों को सम्मानित करते हुए कहा, “हमारी संस्कृति में मातृशक्ति का सम्मान सदियों से चला आ रहा है। आज के समय में नारी सशक्तिकरण का सबसे बड़ा माध्यम शिक्षा है। गैलेंट इंडिया फाउंडेशन शिक्षा के क्षेत्र में जो प्रयास कर रही है, वह समाज के लिए एक प्रेरणा है।” उनके शब्दों ने उपस्थित लोगों में नई ऊर्जा का संचार किया और शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया।
गांधी-शास्त्री जयंती: प्रेरणा और संकल्प
नवरात्रि के इस पावन अवसर पर प्रगति केंद्र पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती भी मनाई गई। सामूहिक प्रार्थना के माध्यम से दोनों महान व्यक्तित्वों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान उनके जीवन, आदर्शों और योगदान पर विस्तृत चर्चा हुई। वक्ताओं ने गांधी जी के सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांतों तथा शास्त्री जी के “जय जवान, जय किसान” के नारे को आज के समय में भी प्रासंगिक बताया।
उपस्थित लोगों ने एक स्वर में संकल्प लिया कि वे गांधी और शास्त्री जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए समाज में एकता, सद्भावना और समरसता को बढ़ावा देंगे, ताकि एक सशक्त भारत के निर्माण की उनकी परिकल्पना को साकार किया जा सके।
संस्था का मिशन: शिक्षा और संस्कृति का संवर्धन
गैलेंट इंडिया फाउंडेशन की सचिव श्री विवेक कुमार ने कहा, “हमारी संस्था न केवल शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रही है, बल्कि समाज कल्याण और सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण के लिए भी प्रतिबद्ध है। भारतीय परंपराओं का निर्वहन करते हुए हम जनसहयोग के साथ बच्चों के समग्र विकास के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।”
संस्था की अध्यक्षा सुश्री ममता कुमारी ने इस सफल आयोजन के लिए सभी अतिथियों, अभिभावकों, बच्चों और स्वयंसेवकों का हृदय से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह कार्यक्रम इस बात का प्रमाण है कि जब समाज एकजुट होता है, तो बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है। यह सशक्त भारत के निर्माण की सबसे मजबूत नींव है।”
सामाजिक एकता का प्रतीक
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बच्चे, अभिभावक और स्वयंसेवक शामिल हुए। यह आयोजन न केवल गांधी और शास्त्री जी की शिक्षाओं को याद करने का अवसर बना, बल्कि नवरात्रि के पावन पर्व पर मातृशक्ति और बालिकाओं के सम्मान का सशक्त संदेश भी दे गया। गैलेंट इंडिया फाउंडेशन का यह प्रयास समाज में शिक्षा, संस्कृति और समरसता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।