देवब्रत मंडल
जीवन और मृत्यु दो ऐसे सत्य हैं जिसे अस्वीकार नहीं किया जा सकता है। इस धरती पर हर नारी की यही कामना होती है कि उसकी गोद भर जाए। गर्भ में पल रहे शिशु को इस धरा पर लाने वाली मां कहलाती हैं। मां एक शब्द नहीं, मां की व्याख्या करते करते शब्द कम पड़ जाएंगे। जिसे शब्दों की सीमा में बांधा नहीं जा सकता है। गर्भ में पल रहे शिशु का पिता कौन है ये मां ही बता सकती हैं लेकिन ये क्या? एक नवजात को सड़क किनारे छोड़कर एक मां उसे बेसहारा बना दीं। कहीं न कहीं इस नवजात बालिका की मां की कोई मजबूरी रही होगी। तब ही तो नौ महीने तक अपनी कोख में रखने के बाद यूं ही बेसहारा छोड़कर चली गई होंगी।
कहते हैं जिसे अल्लाह रखे, उसे भला कौन चखे! इस बालिका को जीना था तो इसके साथ भला बुरा क्या हो सकता था।
हम बात कर रहे हैं एक नवजात बालिका की। गया जिले के मानपुर क्षेत्र अंतर्गत मुफस्सिल थाना है। यहां की किसी को आज यानी 7 दिसंबर को एक नवजात बालिका पर सिक्स लेन के पास नजर पड़ गई। ईश्वर ने शायद अपने दूत के रूप में भेजा होगा और इस बालिका को सुरक्षित थाना में ले आया गया।
इसके बाद आगे की कहानी कुछ इस प्रकार है
दिनांक 7.12.24 को पूर्वाहन में सिक्स लेन रोड के नीचे मुफस्सिल से एक नवजात बालिका शिशु मुफस्सिल थाना को प्राप्त हुई है। इसके उपरांत मुफस्सिल थाना प्रभारी द्वारा बाल कल्याण समिति गया को सूचना दी गई। सूचना के उपरांत समन्वयक विशेष दत्त ग्रहण संस्थान गया द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता एवं आया के साथ उक्त नवजात को मुफस्सिल थाना से अपने संरक्षण में लिया गया।
नवजात को स्वास्थ्य की जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया
तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर गया में नवजात बालिका शिशु का स्वास्थ्य जांच कराया गया एवं तत्यपश्चात बाल कल्याण समिति गया के समक्ष उपस्थापन कराया गया। बाल कल्याण समिति गया के आदेश अनुसार नवजात बालिका शिशु को विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान गया में आवासित कराया गया है।
विशेष दत्तक ग्रहण संस्थान गया में ऐसे कुल चार बच्चे हैं
मुफस्सिल थाना के पुलिस पदाधिकारी के अनुसार, वर्तमान में विशेष दत्त ग्रहण संस्थान गया में इस नवजात सहित कुल चार शिशु (बालक /बालिका) आवासित हैं।
आमजनों से 1098 पर सूचित करने की अपील
पुलिस तथा चाइल्ड लाइन से जुड़े लोगों ने आम जनों से निवेदन किया है कि कोई भी नवजात या परित्यक्त बालक/बालिका किसी को भी कहीं भी प्राप्त हो तो विशेष दत्तक ग्रहण संस्थान या 1098 पर सूचना दें। ताकि ऐसे बच्चों को नवजीवन प्रदान किया जा सके।