देवब्रत मंडल
गया। केंद्रीय विद्यालय संगठन, पटना संभाग के तत्वावधान में 52वीं संभाग स्तरीय राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी का आयोजन 6-7 दिसंबर 2024 को केंद्रीय विद्यालय संख्या-1, गया में भव्य रूप से संपन्न हुआ। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में पटना संभाग के 54 केंद्रीय विद्यालयों के लगभग 300 छात्रों ने हिस्सा लिया और अपनी वैज्ञानिक प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मनीष कुमार प्रभात, सहायक आयुक्त, पटना संभाग, थे। विद्यालय के प्राचार्य अशोक कुमार गुप्ता ने उन्हें शॉल और स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। उद्घाटन समारोह का आरंभ छात्राओं द्वारा प्रस्तुत स्वागत गीत और बिहारी लोक नृत्य झिझिया से हुआ, जिसने दर्शकों को बिहार की सांस्कृतिक धरोहर से रूबरू कराया।
विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में छात्रों का योगदान
प्रदर्शनी में सात अलग-अलग विषयों पर आधारित विज्ञान मॉडलों का प्रदर्शन किया गया। छात्रों ने पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा प्रबंधन, तकनीकी विकास और अन्य वैज्ञानिक विषयों पर अपने रचनात्मक और उपयोगी मॉडल्स प्रस्तुत किए। प्रदर्शनी का उद्देश्य छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और रचनात्मकता को बढ़ावा देना था।
निर्णायक मंडल में अनिल कुमार (पीजीटी बायोलॉजी, केंद्रीय विद्यालय मुजफ्फरपुर) और वीरेंद्र कुमार (प्रोफेसर, रसायन विभाग, गया कॉलेज) शामिल थे। उन्होंने छात्रों के प्रयासों की सराहना करते हुए नवाचार के प्रति उनके समर्पण की प्रशंसा की।
पुरस्कार वितरण और प्रेरणादायक संबोधन
पुरस्कार वितरण समारोह में सात विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को प्रमाण पत्र और ट्रॉफी प्रदान की गई। मुख्य अतिथि मनीष कुमार प्रभात ने छात्रों की मेहनत और नवाचार के प्रति उनके उत्साह की सराहना की। उन्होंने कहा, “इस तरह की प्रतियोगिताएं छात्रों को नए आयाम छूने और नवाचार में योगदान देने के लिए प्रेरित करती हैं।”
प्राचार्य अशोक कुमार गुप्ता ने छात्रों और शिक्षकों के प्रयासों की सराहना की और कहा, “जीवन में कितनी भी बड़ी चुनौती क्यों न हो, हमें अपनी असफलताओं से सीखते हुए आगे बढ़ना चाहिए।” उन्होंने डेल्हा थानाध्यक्ष देव राज इंद्र के सक्रिय योगदान की भी सराहना की।
कार्यक्रम के अंत में उप प्राचार्य हरि सिंह मीणा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। प्रदर्शनी का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। यह प्रदर्शनी छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने और उनकी रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने के लिए एक मील का पत्थर साबित हुई। विज्ञान और नवाचार के इस महोत्सव ने प्रतिभागियों को अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने और सीखने का अद्भुत अवसर प्रदान किया।