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टिकारी संवाददाता: सूबे के प्रथम मुख्यमंत्री का सौभाग्य प्राप्त करने वाले श्रीकृष्ण सिंह जनता के बीच लोकप्रिय होने के कारण ही वे श्रीबाबू के नाम से प्रख्यात हैं। चुनावी वर्ष में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे नागपुरिया विचार मानने वाले भी श्रीबाबू की जयंती मनाने का ढोंग कर रहे हैं। लेकिन उनका असली चेहरा अब उजागर हो गया है। उक्त बातें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज्य सभा सदस्य अखिलेश प्रसाद सिंह ने टिकारी में आयोजित डा. श्रीकृष्ण सिंह की 136 वीं जयंती समारोह को मुख्य अतिथि पद से संबोधित करते हुए रविवार को कही। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में श्रीबाबू का अमूल्य योगदान रहा है। श्रीबाबू के हुकूमत में बिहार पूरे देश मे बेहतर प्रशासन देने वाला राज्य था। उत्तरी बिहार में चीनी मिल से लेकर प्रदेश में उद्योगों का जाल उन्होंने बिछाया। मोदी जी के राज में यह इलाका लगातार पिछड़ते जा रहा है। चुनाव मे वोट वैसे लोगों को दें जो आपकी प्रतिष्ठा रखे और मान सम्मान दे। नागपुरिया और दंगाई विचार वाले लोगों से होशियार रहने की जरूरत है।

इससे अतिथियों के आगमन पर समारोह के अध्यक्ष सत्येन्द्र नारायण, संयोजक बृजमोहन शर्मा, सह संयोजक मुकेश कुमार उर्फ निप्पू शर्मा, हिमांशु शेखर आदि के नेतृत्व बुके, अंगवस्त्र और माला देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान आयोजन स्थल राज इंटर कालेज सभागर श्रीबाबू जिंदाबाद के नारों से गूंजता रहा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समारोह के उद्घाटनकर्ता पूर्व राज्यपाल और सांसद रहे निखिल कुमार सिंह ने कहा कि बिहार केशरी को लोग प्यार और सम्मान से श्रीबाबू के नाम से जानते हैं। इनकी जयन्ती गांव गांव में मनाने की आवश्यकता है। उन्होंने बिहार में बेहतर प्रशासन की पहली बार नींव डाली। उनका विचार एक क्रांति था। उत्तरी कोयल नहर परियोजना, दामोदर वैली कारपोरेशन और नेतरहाट आदि श्रीबाबू की देन है। उनके जाने के बाद से बिहार के विकास का रफ्तार लगभग रुक गया। श्रीबाबू के घर पर मंत्रिमंडल की बैठक में बिहार में जमींदारी प्रथा समाप्त करने का निर्णय लिया गया और 1951 में जमींदारी प्रथा उन्मूलन का देश का पहला कानून बना। उन्होंने पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे कितना पढ़े हैं मुझे क्या, किसी को पता नही है। और वो पूछते हैं कि कांग्रेस ने क्या किया ? पूर्व राज्यपाल ने मंच से श्रीबाबू के गोद मे बीते अपने बचपन के अनुभवों को विस्तार से साझा किया और खूब तालियां बटोरी। साथ ही अनुग्रह नारायण सिंह और श्रीबाबू के बीच मधुर संबंधों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए सकारात्मक राजनीति के लिए सूबे में यह संबंध पुनः दोहराने का आह्वान किया।
समारोह के मुख्य वक्ता पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि श्रीबाबू का व्यक्तित्व बिहार के संदर्भ में इसलिए महत्वपूर्ण है कि वे आधुनिक बिहार के जनक थे। बिहार की राजनीति कांग्रेस की राजनीति है। संख्याबल और जाति के आधार पर कोई नेता नही बनता है। सामाजिक समरसता और आपसी सौहार्द से ही राज्य का विकास हो सकता है। आने वाले समय मे बिहार की राजनीति करवट लेगी और कांग्रेस की सरकार बनेगी। कांग्रेस की प्रतिबद्धता विकास के लिए ही है। औरांगबाद सांसदीय क्षेत्र कांग्रेस की परंपरागत सीट है। इसको प्राप्त करने के लिए श्रीबाबू के विचार को आत्मसात और लोगों को एकजुट करने की जरूरत है। श्रीबाबू आधुनिक भारत के चाणक्य थे।

जयंती समारोह को औरांगबाद के कांग्रेस विधायक आनंद शंकर, विधान पार्षद समीर कुमार, पूर्व मंत्री कृपानाथ पाठक, अविनाश दीक्षित, डा समीर कुमार, राकेश शर्मा, डा. गगन मिश्रा, चुलबुल सिंह, अरविंद सिंह, माधुरी देवी, सुनैना देवी, विजय कुमार मिट्ठू, राशिद खां आदि कई लोगों ने संबोधित किया।

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Last Update: October 29, 2023

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