देवब्रत मंडल

पूर्व मध्य रेल के पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल के गया में ठेकेदार नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कार्य कर रहे हैं। वहीं सरकारी आदेशों को ठेंगा दिखा रहे हैं। न तो लोगों की जान की परवाह कर रहे हैं और न ही इसे कोई रोकने वाला भी है।
गया के लोको कॉलोनी में जर्जर हो चुके कर्मचारियों के आवासों को तोड़ने का कार्य कई दिनों से जारी है लेकिन संवेदक किसी कानून को नहीं मान रहे हैं।
सुरक्षा बैनर कहीं नहीं दिखाई दे रहा

लोको कॉलोनी में अबतक कई कर्मचारी आवासों को सरकारी आदेश पर तोड़ा जा चुका है लेकिन किसी भी स्थान पर न सुरक्षा मानकों का ख्याल रखा जा रहा है और न तो आदेशों का अनुपालन ही किया जा रहा है। जबकि संवेदक को यह स्पष्ट रूप से लिखित में रेल प्रशासन ने दिया है कि आवासों को तोड़ने से पहले कार्य स्थल पर अवांछित दुर्घटनाओं से बचने के लिए सावधानी बरतनी होगी। उन्हें कार्य स्थल के आसपास सुरक्षा बैनर रखना सुनिश्चित करना चाहिए।
ग्राउंड लेबल से नीचे भी की जा रही कटिंग
कॉलोनी में बने कर्मचारी आवासों में जलापूर्ति के पाइप भी जमीन के अंदर बिछाए गए हैं लेकिन संवेदक द्वारा इस पाइप को भी निकाला जा रहा है। जबकि स्पष्ट आदेश है कि केवल ग्राउंड लेवल तक ही डिस्मेंटिंग की अनुमति है। ग्राउंड लेवल से नीचे की अनुमति नहीं है।
बगैर पंजीकरण नंबर के ट्रैक्टर से हो रही सामानों की ढुलाई

आवासों को तोड़ने के बाद ईंट, आयरन रॉड, लकड़ी व लोहे की खिलाड़ियों की ढुलाई जिस ट्रैक्टर से करते देखा जा रहा है, उस ट्रैक्टर पर कहीं भी रजिस्ट्रेशन नंबर अंकित/लिखा हुआ नहीं है।
मजदूरों को सेफ्टी किट्स उपलब्ध नहीं कराया गया
आवास तोड़ने वाले श्रमिकों की सुरक्षा के लिए संवेदक द्वारा न तो इन्हें ग्लब्स, जूते ही दिए गए हैं और न ही फेस मास्क। जबकि श्रम अधिनियम में इस बात का उल्लेख है कि खतरनाक कार्य करने वाले श्रमिकों को सेफ्टी किट्स नियोक्ता द्वारा उपलब्ध कराना अनिवार्य है लेकिन इसका भी ख्याल संवेदक द्वारा नहीं रखा जा रहा है।
पर्यावरण संरक्षण नियमों की भी हो रही अनदेखी
कार्यस्थल पर कहीं नजर आ रहा है कि आवास तोड़ने पर उड़ने वाले धूल से किसी अन्य लोगों पर इसका दुष्प्रभाव न पड़े, इसके लिए पर्दा डाल दिया जाए। जो कि नियम में है। उड़ रहे धूल कण सड़क से गुजरने वालों पर और आसपास रहने वाले रेलकर्मियों के घर या उनके परिवार के सदस्यों को हानि पहुंचा रहा है।
मनमाने तरीके से हो रहे कार्य को रोकने वाला या देखने वाले कोई नहीं
पिछले कई दिनों से यह कार्य चल रहा है लेकिन नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए संवेदक कार्य कर रहे हैं, जिसे न तो कोई देखने वाला है और न तो रोकने वाला ही है।
वरीय प्रशाखा अभियंता ने कहा-संवेदक कर रहे हैं गलती
इन सारी बातों से गया के सहायक मंडल अभियंता ऋषिकेश मीणा को अवगत कराया गया तो उन्होंने कोई जवाब देना मुनासिब नहीं समझे। जब वरीय प्रशाखा अभियंता राकेश कुमार सिन्हा से ये सारे सवाल किए गए तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा-संवेदक तो गलती कर रहे हैं।
संवेदक ने फोन नहीं उठाया
जब इन्हीं सारे सवालों के जवाब के लिए संवेदक मो. जुनैद के मोबाइल नंबर 91400 ××××× पर कई बार डायल किया गया तो तो वे फोन उठाना मुनासिब नहीं समझे।