देवब्रत मंडल
गया और शेरघाटी व्यवहार न्यायालय में आज चौथे राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, नलिन कुमार पांडे ने की। आयोजन की देखरेख ए.डी.जे.-1 एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार, अरविंद कुमार दास ने की।
प्रभारी प्रधान न्यायाधीश ने कही अहम बात
इस अवसर पर प्रभारी प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से मामलों का समाधान एक ऐसा तरीका है, जिसमें दोनों पक्षों की जीत होती है। यह प्रक्रिया न केवल विवाद समाप्त करती है, बल्कि सद्भावना भी बनाए रखती है।
16 बेंचों ने संभाला कार्यभार
लोक अदालत के सफल संचालन के लिए गया में 14 और शेरघाटी में 2 बेंच बनाए गए थे। गया में विभिन्न मामलों के समाधान हेतु अलग-अलग बेंच का गठन किया गया था, जिनमें प्रमुख बेंच और उनके पदाधिकारी इस प्रकार थे:
- बेंच नंबर 1: राजकुमार राजपूत (ए.डी.जे.) और पैनल अधिवक्ता रजनीश कुमार।
- बेंच नंबर 2: संजय कुमार (ए.डी.जे.-3) और पैनल अधिवक्ता अंशुमान नंगे।
- बेंच नंबर 3: असिताब कुमार (ए.डी.जे.-6) और पैनल अधिवक्ता धनंजय नारायण सिंह।
शेरघाटी में बेंचों का गठन:
- बेंच नंबर 15: रंजय कुमार (ए.सी.जे.एम.-1) और पैनल अधिवक्ता मुकेश कुमार।
- बेंच नंबर 16: कल्पना भारती (जे.एम. फर्स्ट क्लास) और पैनल अधिवक्ता बलवंत कुमार।
विभिन्न मामलों का निष्पादन और समझौता राशि
लोक अदालत के दौरान कुल 3,611 मामलों का निष्पादन किया गया। इन मामलों में 10,43,02,432 रुपये की समझौता राशि तय की गई। प्रमुख श्रेणियों में समाधान किए गए मामले और उनकी समझौता राशि इस प्रकार रही:
- बिजली के मामले: 1,392 (5,23,32,976 रुपये)।
- क्रिमिनल कंपाउंडेबल मामले: 1,189 (3,43,200 रुपये)।
- मोटर वाहन दुर्घटना मामले: 21 (1,84,50,000 रुपये)।
- बैंक मामले: 1,001 (2,96,49,143 रुपये)।
- बीएसएनएल के मामले: 4 (53,113 रुपये)।
- चेक बाउंस के मामले: 8 (34,74,000 रुपये)।
सफल आयोजन के पीछे टीम की मेहनत
इस आयोजन को सफल बनाने में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के कर्मचारियों और पैनल अधिवक्ताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विशेष रूप से पैनल अधिवक्ता राजेश आनंद और कर्मचारी हादी अकरम, प्रतुल कुमार, विकास कुमार, हारून रसीद, उदय कुमार, दीपक कुमार सिन्हा, अनिल कुमार, तथा पारा लीगल वॉलिंटियर मनोज कुमार, संजय कुमार चौधरी, रोहित कुमार, परमानंद सिंह, हीरालाल, जुल्फिकार अंसारी, और संतोष कुमार का योगदान सराहनीय रहा।