देवब्रत मंडल
गया नगर निगम के सफाई प्रबंधन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। नगर निगम ने कुछ क्षेत्रों में रातभर सफाई अभियान चलाने की व्यवस्था की है, लेकिन वहीं दूसरी ओर कई इलाकों में दिन में भी कचरा उठाव नहीं किया जा रहा। संसाधनों की कमी न होने के बावजूद, इनका उपयोग कैसे किया जाए, ये वार्ड पार्षदों की सोच और जनता के प्रति उनकी जिम्मेदारियों पर निर्भर है।
कुछ पार्षद शिकायत करते हैं कि सफाई कर्मी उनकी बात नहीं मानते, जबकि कुछ नागरिकों का कहना है कि उनके पार्षद उनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में नगर निगम के अधिकारी भी अपनी जिम्मेदारी से बचते नजर आते हैं और सफाई से जुड़े मामलों में वार्ड पार्षद से संपर्क करने की सलाह दे देते हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई गंदगी की तस्वीरें
सोशल मीडिया पर शहर के कुछ हिस्सों की गंदगी की तस्वीरें साझा की जा रही हैं, जो यह दर्शाती हैं कि जिम्मेदार अधिकारी और सफाई कर्मी अपने कार्य के प्रति लापरवाह हैं। कई तस्वीरें यह संकेत देती हैं कि यदि नगर निगम प्रशासन और वार्ड पार्षदों के बीच तालमेल बेहतर हो, तो संसाधनों का समुचित उपयोग करते हुए सफाई व्यवस्था को सुधारा जा सकता है।
नागरिकों की आवाज बन रहा सोशल मीडिया
भाजपा नेता और स्थानीय नागरिक नियमित रूप से सोशल मीडिया पर गंदगी की तस्वीरें साझा कर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कर रहे हैं। दीपावली पर्व के मद्देनजर घर-घर से कूड़ा बाहर निकाला जा रहा है, लेकिन नियमित उठाव न होने से कूड़े के ढेर नजर आने लगे हैं। नागरिकों की यह आवाज निगम प्रशासन के लिए एक चेतावनी होनी चाहिए।
दीपावली और छठ पर जनता को चाहिए स्वच्छ शहर
दीपावली और छठ पर्व की तैयारी के बीच सफाई व्यवस्था को लेकर असंतोष बढ़ रहा है। नगर निगम और वार्ड पार्षदों का दायित्व है कि वे तुरंत प्रभाव से सफाई व्यवस्था में सुधार करें, अन्यथा जनता को मजबूरन लोकतांत्रिक आंदोलन का सहारा लेना पड़ सकता है।
गया नगर निगम को अब यह तय करना होगा कि जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को किस तरह से निभाएगा। अगर सही समय पर कदम नहीं उठाए गए तो यह असंतोष आगे चलकर गहराता ही जाएगा।