देवब्रत मंडल
गया नगर बोर्ड की बैठक में 1 फरवरी 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे अभियंता देवनंदन प्रसाद को संविदा पर पुनः निगम में सेवा में लिए जाने का प्रस्ताव रखा गया। जिसे बोर्ड ने पारित कर दिया लेकिन इसका विरोध वार्ड नं 32 के पार्षद गजेंद्र सिंह ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। इसके पहले निगम की सशक्त स्थायी समिति की बैठक में अभियंता देवनंदन प्रसाद को संविदा पर निगम में सेवा लिए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया था।
इस संबंध में वार्ड पार्षद गजेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने अभियंता देवनंदन प्रसाद को संविदा पर निगम में सेवा में लिए जाने के प्रस्ताव का विरोध किया है। उन्होंने बताया कि अभियंता देवनंदन प्रसाद पर निगम का 40 लाख रुपए अग्रिम राशि का बकाया चल रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार का स्पष्ट आदेश है कि यदि किसी अभियंता के पास विभाग द्वारा अग्रिम के रूप में उपलब्ध कराई गई राशि का समायोजन नहीं हो जाता है तो ऐसे अभियंता को संविदा पर नहीं रखा जा सकता है।
हालांकि 1 फरवरी को सेवानिवृत्त हो रहे अभियंता दिनकर प्रसाद ने भी संविदा पर पुनः सेवा में रखे जाने को लेकर इच्छा जताई है। इसके पहले सेवानिवृत्त हो चुके अभियंता सुबोध कुमार सिंह तथा शैलेंद्र कुमार सिन्हा ने भी संविदा पर पुनः निगम में सेवा करने की अपनी इच्छा जता चुके हैं लेकिन इनमें से किन्हीं को भी संविदा पर रखे जाने का कोई आदेश सरकार की तरफ से नहीं आया है।
इस बारे में वार्ड पार्षद गजेंद्र सिंह का कहना है कि जब सेवानिवृत्त होने वाले अभियंता देवनंदन प्रसाद को पुनः संविदा पर लिए जाने का आदेश सरकार की ओर से आता है तो हमारी मांग है कि सरकार उक्त सभी सेवानिवृत्त हो चुके या होने वाले अभियंताओं को संविदा पर रखा जाए। ऐसा होने से सभी अभियंताओं के साथ न्याय होगा।
बता दें कि इसके पहले वार्ड पार्षद धर्मेंद्र कुमार ने सेवानिवृत्त हो चुके अभियंता शैलेंद्र कुमार सिन्हा को संविदा पर लिए जाने का कड़ा विरोध किया था। उन्होंने सरकार को बताया है कि श्री सिन्हा पर भी विभाग का एक करोड़ से अधिक रुपए अग्रिम राशि का बकाया है। नगर आयुक्त ने पिछले दिनों श्री सिन्हा को संविदा पर रखे जाने को लेकर मार्गदर्शन की मांग की है।