
बेलागंज | शेखपुरा गांव के वीर सपूत, बीएसएफ जवान सुनील कुमार का पार्थिव शरीर रविवार देर रात उनके पैतृक गांव पहुंचते ही पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। जैसे ही शव गांव में पहुंचा, परिजनों और ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं, हर ओर शोक और श्रद्धांजलि के स्वर गूंज उठे।
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
सोमवार सुबह पूरे सैन्य सम्मान के साथ जवान की अंतिम यात्रा निकाली गई। इस दौरान बड़ी संख्या में युवा तिरंगा हाथ में लेकर बाइक और कारों के साथ यात्रा में शामिल हुए। “भारत माता की जय”, “वंदे मातरम्” और “सुनील कुमार अमर रहें” के नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। अंतिम यात्रा उनके पैतृक गांव से निकलकर विष्णुपद श्मशान घाट, गया पहुंची, जहां बीएसएफ जवानों और अधिकारियों ने तिरंगे के साथ गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम सलामी दी।
पुत्र ने दी मुखाग्नि, माहौल हुआ गमगीन
अंतिम संस्कार की रस्में वैदिक परंपराओं के अनुसार पूरी की गईं। दिवंगत जवान के 20 वर्षीय बड़े बेटे, गौतम कुमार ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। इस भावुक क्षण के दौरान वहां मौजूद हर आंख नम हो गई।
सामाजिक और राजनीतिक हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि
श्रद्धांजलि देने पहुंचे गणमान्य लोगों में विभागीय अधिकारी, ग्रामीणों के अलावा युवा सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल किशोर, रंजेश कुमार, भाजपा नेता मुकेश कुमार, दिलीप कुमार, अशोक कुमार सहित कई सामाजिक और राजनीतिक हस्तियां शामिल रहीं। सभी ने दिवंगत जवान के बलिदान को नमन किया और परिवार को सांत्वना दी।
देश के लिए दिए सर्वोच्च बलिदान को किया नमन
बीएसएफ जवान सुनील कुमार के बलिदान को याद करते हुए स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्होंने देश की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनके साहस और राष्ट्रभक्ति को हमेशा सम्मान के साथ याद किया जाएगा।