
गया! गया जिला फेयर प्राइस डीलर एसोसिएशन की समीक्षात्मक बैठक आज गांधी मंडप में आयोजित की गई। यह बैठक 1 से 13 फरवरी 2025 तक चली हड़ताल के समापन के बाद हुई, जिसमें संगठन के प्रतिनिधियों ने अपनी आगामी रणनीति पर विचार-विमर्श किया। बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष महेंद्र कुमार सिंह ने की, जबकि संचालन जिला महामंत्री डॉ. विजय कुमार यादव ने किया।
बैठक में मगध प्रमंडल के सभी जिलों के जिलाध्यक्ष एवं सचिव, सभी प्रखंडों के प्रखंड अध्यक्ष/सचिव, तथा गया शहरी क्षेत्र के वार्ड नंबर 1 से 53 तक के सक्रिय जन वितरण विक्रेता मौजूद रहे।
लंबित मांगों पर निर्णय और प्रस्ताव
बैठक में सर्वसम्मति से सरकार के समक्ष लंबित 8 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया। प्रमुख मांगों में शामिल हैं:
- जन वितरण विक्रेताओं को ₹30,000 मानदेय प्रदान किया जाए।
- अनुकंपा नियुक्ति में उम्र सीमा समाप्त कर, आश्रित परिवारों को पूर्व की भांति लाभ दिया जाए।
- छोटी प्रशासनिक त्रुटियों पर अनुज्ञप्ति रद्द करने की बजाय निलंबन प्रक्रिया लागू की जाए।
- ऑनलाइन सिस्टम में मैन्युअल स्टॉक और वितरण पंजी की अनिवार्यता समाप्त हो।
- विक्रेताओं को घर-घर जाकर KYC करने के लिए बाध्य न किया जाए।
- डोर-स्टेप डिलीवरी के तहत विक्रेताओं को मजदूरी देने के लिए मजबूर न किया जाए।
- माप-तौल विभाग द्वारा वार्षिक अनुज्ञप्ति नवीकरण की प्रक्रिया को 5 वर्षों में एक बार किया जाए।
31 मार्च तक मांगें पूरी न हुई तो चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यदि 31 मार्च 2025 तक सरकार इन मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लेती, तो एसोसिएशन राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेगा। इसके अलावा, क्षेत्रीय एवं राज्य स्तरीय जनप्रतिनिधियों से समर्थन नहीं मिलने की स्थिति में संगठन विधानसभा चुनाव 2025 में अपने प्रत्याशी उतारने पर विचार करेगा।
बैठक में उपस्थित प्रमुख पदाधिकारी
बैठक में प्रमुख रूप से गया महानगर के अध्यक्ष जमुना मंडल, जिला उपाध्यक्ष रमाकांत सिंह, अखिलेश सिंह, अरुण सिंह, विनय कुमार सिंह, गोपाल पासवान, सर्वेश यादव, अमरिंदर सिंह, नरेश यादव, सहित सैकड़ों विक्रेताओं ने भाग लिया।
बैठक के अंत में जिला उपाध्यक्ष रमाकांत सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।