बोधगया। भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) बोधगया को अपने नवीनतम स्थायी परिसर (चरण-I) के लिए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) द्वारा दो प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। ये सम्मान हाल ही में दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित सीपीडब्ल्यूडी के 171वें वार्षिक समारोह में प्रदान किए गए।
संस्थान को ‘समग्र रूप से सर्वश्रेष्ठ पूर्ण परियोजना’ और ‘सर्वश्रेष्ठ एमईपी (मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, प्लंबिंग) सेवाएं’ श्रेणियों में डायरेक्टर जनरल मेडल्स से नवाजा गया है। देश भर की सैकड़ों सरकारी परियोजनाओं में से आईआईएम बोधगया की इस उपलब्धि को एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मान्यता के रूप में देखा जा रहा है।

आईआईएम बोधगया के स्थायी परिसर का निर्माण 118.82 एकड़ भूमि पर किया गया है, जो बिहार सरकार द्वारा आवंटित की गई थी। परियोजना को ₹411.72 करोड़ के बजट के साथ क्रियान्वित किया गया, जिसे केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिली थी। परिसर का औपचारिक उद्घाटन 20 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया।
संस्थान की निदेशक प्रो. विनीता एस. सहाय ने पुरस्कारों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि,
“यह सम्मान न केवल संस्थान की गुणवत्ता को दर्शाता है, बल्कि यह संकेत है कि शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक और टिकाऊ बुनियादी ढांचे का विकास भी समान रूप से आवश्यक है।”
आईआईएम बोधगया के स्थायी परिसर का डिज़ाइन आधुनिक स्थापत्य और पर्यावरणीय स्थिरता के मूल्यों पर आधारित है। इसमें ऊर्जा दक्षता, समावेशी सुविधाएं और खुला शैक्षणिक वातावरण शामिल है।
इस उपलब्धि को बिहार राज्य के लिए भी एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है, जिससे प्रदेश के शैक्षणिक ढांचे की साख को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती मिली है।






