1962 से लगातार हो रहा आयोजन, इस साल पुतला दहन कार्यक्रम ने पूरे किए 50 साल
गया। टनकुप्पा प्रखंड मुख्यालय के टनकुप्पा बाजार में इस वर्ष दुर्गा पूजा और रावण-मेघनाद वध कार्यक्रम का भव्य आयोजन हुआ। इस आयोजन की विशेषता रही कि जहां दुर्गा पूजा का क्रम वर्ष 1962 से ही निरंतर चला आ रहा है, वहीं रावण और मेघनाद के पुतला दहन एवं राम-रावण युद्ध कार्यक्रम की परंपरा वर्ष 1976 से शुरू होकर इस साल स्वर्णिम 50 वर्ष पूरे कर चुकी है।
दुर्गा पूजा समिति टनकुप्पा की ओर से आयोजित इस भव्य पर्व की अध्यक्षता वर्तमान अध्यक्ष नरेश प्रसाद वर्मा ने की। समिति के पूर्व अध्यक्षों में स्व. माथुरा साव, स्व. धीरेंद्र कुमार दफ्तुआर, स्व. बलेश्वर प्रसाद कुशवाहा, उपेंद्र प्रसाद, विकास रंजन दफ्तुआर, शंकर शर्मा, रविंद्र पासवान, सुधीर साव, पुतुल शर्मा और गोरेलाल चौधरी का उल्लेखनीय योगदान रहा है।
इस आयोजन की नींव टनकुप्पा के पूर्व मुखिया स्व. अखिलेश्वर प्रसाद सिन्हा, स्व. नागेश्वर प्रसाद सिन्हा, पूर्व सरपंच स्व. धनु महतो, स्व. शिवनाथ महतो और स्व. माथुरा साव ने ग्रामीणों के सहयोग से रखी थी।
कार्यक्रम के दौरान राम-रावण युद्ध का नाटकीय मंचन किया गया, जिसमें लक्ष्मण जी को शक्ति बाण लगना, मूर्छित होना, हनुमान जी द्वारा सुखेन वैद्य और संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी को जीवित करना जैसे प्रसंगों का जीवंत चित्रण कलाकारों ने प्रस्तुत किया। इसके बाद रावण और मेघनाद का पुतला दहन हजारों दर्शकों की मौजूदगी में सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर टनकुप्पा निवासी एवं स्थायी लोक अदालत सहरसा के इंचार्ज चेयरमैन विकास रंजन दफ्तुआर, बीडीओ अलीशा कुमारी, सीओ ओमप्रकाश भगत, थानाध्यक्ष बसंत कुमार राय, रविंद्र पासवान, पूर्व मुखिया सुधीर साव, शंकर शर्मा, विनोद सिंह, झलक सिंह, रविंद्र कुमार, रामचंद्र महतो, अविमुक्त कमल सिन्हा, दिनेश विश्वकर्मा सहित टनकुप्पा, वजीरगंज, फतेहपुर, बोधगया और मोहन प्रखंड के हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे।
इस विशाल आयोजन को सफल बनाने में दुर्गा पूजा समिति टनकुप्पा के अध्यक्ष नरेश प्रसाद वर्मा, भानु प्रताप, पुजारी सुगंध पांडे, मुन्ना पांडे, उमेश विश्वकर्मा, शिवकुमार यादव, शंभू यादव, राजा यादव, शंकर कुशवाहा समेत समिति के सैकड़ों कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा।






