प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 अगस्त को गया जंक्शन से करेंगे उद्घाटन, 23 अगस्त से नियमित परिचालन शुरू – क्षेत्रवासियों में हर्ष
गुरपा/गया। काफी अरसे से बौद्ध धर्मावलंबियों और आमजनों की मांग रही है कि गया से बुद्ध सर्किट को जोड़ने वाली एक नई रेल सेवा शुरू की जाए। यह मांग अब पूरी होने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 अगस्त 2025 को गया जंक्शन पहुंचकर कोडरमा-गया-वैशाली मेमू फास्ट पैसेंजर ट्रेन को वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर इसका शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर गया जंक्शन पर उद्घाटन समारोह भी आयोजित होगा।
इसके बाद 23 अगस्त से यह ट्रेन नियमित रूप से वैशाली और कोडरमा के बीच चलेगी और गुरपा स्टेशन पर भी इसका ठहराव होगा, जिससे स्थानीय यात्रियों और श्रद्धालुओं को बड़ी सुविधा मिलेगी।
उद्घाटन स्पेशल से शुरुआत
22 अगस्त को गया जंक्शन से उद्घाटन स्पेशल ट्रेनें चलेंगी। इनमें गया-वैशाली उद्घाटन स्पेशल (संख्या 03624) और गया-कोडरमा उद्घाटन स्पेशल (संख्या 03626) शामिल हैं। गया-कोडरमा उद्घाटन स्पेशल सुबह 11 बजे गया से खुलेगी, 12 बजे गुरपा स्टेशन पर रुकेगी और 1 बजे कोडरमा पहुंचेगी।
नियमित परिचालन का समय
नियमित परिचालन के तहत, ट्रेन संख्या 63383 वैशाली-कोडरमा मेमू फास्ट पैसेंजर 23 अगस्त से सोमवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलेगी। यह ट्रेन वैशाली से सुबह 5:15 बजे खुलेगी और गया होते हुए दोपहर 2:15 बजे गुरपा पहुंचेगी। इसके बाद 3:15 बजे कोडरमा जाएगी।
वापसी में, ट्रेन संख्या 63384 कोडरमा-वैशाली मेमू फास्ट पैसेंजर शाम 4:45 बजे कोडरमा से खुलेगी और शाम 5:20 बजे गुरपा पहुंचेगी। इसके बाद गया, राजगीर, पटना होते हुए यह अगले दिन तड़के 2:45 बजे वैशाली पहुंचेगी।
गुरपा की धार्मिक महत्ता
गुरपा केवल एक रेलवे स्टेशन नहीं, बल्कि बौद्ध और हिन्दू धर्मावलंबियों का तीर्थ स्थल भी है। बौद्ध मान्यताओं के अनुसार, यहीं महात्मा बुद्ध के प्रमुख शिष्य महाकश्यप ने समाधि ली थी। इसी कारण यह स्थल बौद्ध अनुयायियों के लिए पवित्र है। हिन्दू श्रद्धालुओं के लिए भी यहां अनेक मंदिर और आस्था स्थल हैं।
नई रेल सेवा के जरिए गुरपा का सीधा संपर्क गया, राजगीर, नालंदा, पटना, हाजीपुर और कोडरमा से होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे न केवल आम यात्रियों को सुविधा होगी, बल्कि बुद्ध सर्किट पर्यटन को भी नई गति मिलेगी।
क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर
गुरपा और आसपास के ग्रामीण इस नई ट्रेन सेवा को लेकर उत्साहित हैं। उनका कहना है कि यह सुविधा शिक्षा, रोजगार और व्यापार के अवसरों को बढ़ाएगी। वहीं धार्मिक दृष्टि से भी यह ट्रेन बेहद अहम है क्योंकि यह बुद्ध सर्किट से जुड़ी एक महत्वपूर्ण कड़ी बनेगी।