गरीब परिवार का एकलौता कमाऊ सदस्य था मृतक, पीछे छोड़े पत्नी और पांच बच्चे

अतरी (गया)। कभी-कभी ज़िंदगी इतनी बेरहम हो जाती है कि किसी गरीब का सपना, उसके बच्चों का भविष्य एक झटके में खत्म हो जाता है। सोमवार की सुबह कुछ ऐसा ही हुआ गया जिले के अतरी प्रखंड के सीढ़ पंचायत के टेउसा गांव निवासी 45 वर्षीय कंस चौधरी उर्फ महेन्द्र चौधरी के साथ।
रविवार को ही वह रोजी-रोटी की तलाश में उत्तर प्रदेश के बलिया जिला गए थे, ताकि बेटियों की शादी, बेटे की पढ़ाई और रसोई का चूल्हा जलता रहे। लेकिन किसे पता था कि यह सफर उनके जीवन का आखिरी सफर होगा। सोमवार सुबह वह ताड़ के पेड़ पर चढ़े थे, शायद यही सोचकर कि आज की मेहनत से कुछ पैसा जुटेगा। परंतु अचानक आई आंधी और बारिश ने सबकुछ बदल दिया। पैर फिसला और वह जमीन पर आ गिरे।
घटना के बाद आसपास के लोग उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल लेकर भागे, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। महेन्द्र चौधरी बीते रविवार ही बलिया मजदूरी के लिए गए थे। बताया जाता है कि वे अपने परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य थे।
मृतक अपने पीछे पत्नी कांती देवी और पांच संतानें छोड़ गए हैं—चार बेटियां: पूनम कुमारी (24), राधा कुमारी (22), रिभा कुमारी (20), छोटी कुमारी (16) और एक पुत्र गौतम कुमार (14)। इनमें केवल एक बेटी की शादी हुई है, बाकी तीन बेटियों का विवाह अभी बाकी है।

महेन्द्र चौधरी का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके पैतृक गांव टेउसा पहुंचा, पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। हर आंख नम थी और लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। गांव के श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दुखद घटना से पूरा गांव स्तब्ध है और परिवार के लोग गहरे सदमे में हैं।
सरकार और प्रशासन से मांग की जा रही है कि इस आर्थिक रूप से बेहद कमजोर परिवार को यथाशीघ्र सहायता प्रदान की जाए, ताकि मृतक के आश्रितों को कुछ सहारा मिल सके।