गया। बिहार के गया जिले के फतेहपुर प्रखंड के दो प्रमुख स्थानीय नेता, सलैया कलां पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि रहीस कुमार (38) और नौडीहा झुरांग पंचायत के पूर्व मुखिया प्रत्याशी मिराज मल्लिक (41), कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई पश्चिम बंगाल के बेनियापुकुर इलाके के एक गेस्ट हाउस में गुप्त सूचना के आधार पर की गई है।
अवैध हथियारों के साथ पकड़े गए
गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से दो सेमी-ऑटोमैटिक हथियार, लोडेड मैगजीन और कारतूस बरामद किए गए हैं। यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि वे हथियारों के साथ कोलकाता क्यों आए थे और इनका इस्तेमाल कहां और कैसे होने वाला था। एसटीएफ के अधिकारियों के अनुसार, आरोपियों से पूछताछ जारी है और उनकी गतिविधियों का विस्तृत विश्लेषण किया जा रहा है।
गिरफ्तार रहीस कुमार फतेहपुर प्रखंड के सलैया कलां पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि हैं, जबकि मिराज मल्लिक नौडीहा झुरांग पंचायत के बड़गांव के रहने वाला है और नौडीहा झुरांग पंचायत से मुखिया पद के प्रत्याशी भी रह चुके हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार मेराज मल्लिक पूर्व में पटना के एक प्रतिष्ठित म्यूजियम से मूर्ति चोरी के आरोप में जेल की हवा खा चुके हैं।
यह गिरफ्तारी कई सवाल खड़े करती है। आरोपियों का कोलकाता में गेस्ट हाउस में रहना, हथियारों का साथ होना और उनकी संदिग्ध गतिविधियां इस मामले को और गंभीर बनाती हैं। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या उनके किसी बड़े आपराधिक नेटवर्क से संबंध हैं। दोनों आरोपियों को आज कोलकाता के बैंकशाल कोर्ट में पेश किया जाएगा। एसटीएफ की टीम उनकी बैकग्राउंड और हथियारों की सप्लाई के उद्देश्य की गहराई से जांच कर रही है।
इस घटना ने पंचायत स्तर की राजनीति और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुखिया प्रतिनिधि जैसे पद पर रहते हुए ऐसी गतिविधियों में शामिल होना न केवल प्रशासनिक व्यवस्था बल्कि स्थानीय समाज के लिए भी एक बड़ी चुनौती है। फतेहपुर प्रखंड के इन दो चर्चित चेहरों की गिरफ्तारी ने अवैध हथियारों के नेटवर्क और स्थानीय राजनीति में अपराध के बढ़ते प्रभाव को उजागर किया है।