देवब्रत मंडल
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मानव तस्करी शोषण के उद्देश्य से बल, धोखाधड़ी या जबरदस्ती के माध्यम से व्यक्तियों की भर्ती, परिवहन, स्थानांतरण, श्रम या प्राप्ति का कार्य है। मानव विशेषकर महिलाओं और बच्चों को असामाजिक तत्वों द्वारा नौकरी, रुपयों तथा अच्छे जीवन जीने के लिए सुख सुविधाओं का प्रलोभन देकर यौन शोषण, वेश्यावृति, जबरन काम कराना, जबरन विवाह कराना, घरेलु नौकर, गोद लेने, भीख मांगने, अंग प्रत्यारोपण, मादक पदार्थो की तस्करी के कार्यो हेतु मानव तस्करी कर उपयोग में लाया जाता है। मानव तस्कर उन गरीब लोगों को निशाना बनाया जाता है, जो बेहद दयनीय स्थिति में अपना जीवन-यापन करते हैं । ऐसी गतिविधियां भारतीय संविधान द्वारा प्रदत मानवाधिकारों का पूर्णतः उल्लंघन है। ये बातें अमरेश कुमार, प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त पूर्व मध्य रेल, हाजीपुर ने बताई गई।
रेलवे सुरक्षा बल की भूमिका
श्री कुमार ने कहा कि यद्यपि पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था राज्य का विषय है, राज्य पुलिस मानव तस्करी को रोकने, उसका पता लगाने और पंजीकरण करने के लिए जिम्मेदार है। रेलवे सुरक्षा बल को मानव तस्करी के मामलों की जांच करने का अधिकार नहीं है फिर भी रेलवे सुरक्षा बल इसमें राजकीय रेल पुलिस/स्थानीय पुलिस के प्रयासो में सहायता करती है। उन्होंने कहा कि रेलवे का नेटवर्क सम्पूर्ण भारत में होने के कारण रेलवे सुरक्षा बल की भूमिका इस तरह के अपराधों की रोकथाम हेतु काफी महत्वपूर्ण हो जाती है। रेलवे सुरक्षा बल राज्य सीमा के नियम से परे अपनी उपस्थिति के कारण रेलवे में ऐसे अपराधो के पंजीकरण, उदभेद्न, अण्वेषण और रोकथाम में राजकीय रेल पुलिस/स्थानीय पुलिस को सहायता प्रदान करती है जो मुख्य रुप से राज्य सरकार का दायित्व है। रेलवे सुरक्षा बल अधिनियम, 1957 के अनुसार रेलवे सुरक्षा बल रेल सीमा के भीतर अपने दायित्वों का निर्वहण करता है। उपरोक्त दायरे में जब भी रेलवे के माध्यम से मानव तस्करी की सूचना प्राप्त होती है रेलवे सुरक्षा बल त्वरित प्रतिक्रिया करते हुए संदिग्ध तस्करो को हिरासत में ले कर तस्करी किये गये बच्चों को उनके चंगुल से बचाकर नियमानुसार विधिसम्मत कार्यवाही करता है । रेलवे सुरक्षा बल कई मौको पर अकेले ही मानव तस्करी के मामलों को पकड़ता है तथा मानव तस्करों तथा उनके चंगुल से मुक्त किये गये बच्चों को अग्रिम कानूनी कार्यवाही हेतु राजकीय रेल पुलिस को सौंपा जाता है। बच्चों की सुरक्षा के लिए इस संबंध में विभिन्न विश्वसनीय स्त्रोतों से खुफिया जानकारी एकत्र की जाती है । गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इस संदर्भ में अपनाए गए असाधारण दृष्टिकोण के लिए रेलवे सुरक्षा बल को मान्यता दी है।
‘ऑपरेशन आहट’ के तहत मानव तस्करी के विरुद्ध कार्यवाही
श्री कुमार ने बताया यह राष्ट्रव्यापी ऑपरेशन पीड़ितों, मुख्य रुप से महिलाओं और बच्चों को तस्करों के चंगुल से बचाने पर केंद्रित है। संदिग्धों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के लिए लंबी दूरी की ट्रेनों और मार्गो पर विशेष टीमें तैनात की जाती हैं। विगत तीन वर्षो (2022, 2023 व 2024) में रेलवे सुरक्षा बल द्वारा पुरे भारत में 2614 व्यक्तियों जिनमें बच्चे शामिल हैं, को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया तथा 753 मानव तस्करों को गिरफ्तार किया गया। जहाँ तक पूर्व मध्य रेल का प्रश्न है, वर्ष 2024 के दौरान, रेलवे सुरक्षा बल, पूर्व मध्य रेल द्वारा 444 बच्चों (425 लड़के और 19 लड़कियों) को बचाने के साथ-साथ 134 मानव तस्करों को गिरफ्तार किया गया। जबकि इसकी तुलना में वर्ष 2023 के दौरान 89 मानव तस्कर गिरफ्तार किये गये थे तथा उनके चंगुल से 314 बच्चों (292 लड़के और 22 लड़कियों) को मुक्त कराया गया था।
ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते:
उन्होंने कहा विगत तीन वर्षो (2022, 2023 व 2024) में रेलवे सुरक्षा बल द्वारा पूरे भारत में देखभाल व सुरक्षा की आवश्यकता वाले 30447 बच्चों को बचाया गया। जिसमें से रेलवे सुरक्षा बल, पूर्व मध्य रेल द्वारा इस पुरे भारत में किए गए पहल के माध्यम से वर्ष 2024 के दौरान 2310 बच्चों (1794 लड़के और 516 लड़कियों) तथा वर्ष 2023 में 1140 बच्चों (749 लड़के और 391 लड़कियों) को बचाया गया। इन केंद्रित प्रयासों का उ६ेश्य अकेले या संदिग्ध व्यक्तियों के साथ यात्रा करने वाले नाबालिकों को गलत हाथों में पड़ने से बचाना है।
मानव तस्करी के खिलाफ कार्यवाही हेतु टीमों की स्थापना
मुख्य सुरक्षा आयुक्त श्री कुमार ने बताया अब तक रेलवे सुरक्षा बल की मानव तस्करी के खिलाफ कार्यवाही हेतु 53 टीमों का गठन प्राप्त जानकारी पर तत्काल कार्यवाही करने, रेल के माध्यम से मानव तस्करी के मामलों का पता लगाने, जानकारी साझा करने के लिए किया जा चुका है। बच्चों के लिए गठित अन्य हितधारकों के साथ जानकारी साझा करने, अपराध आंकड़ो का विश्लेषण, संदिग्धो की पहचान, तस्करी के लिए उपयोग में लाये जा रहे रेलमार्ग तथा असुरक्षित रेलगाड़ियों की पहचान करना भी इनका कार्य है।
सार्वजनिक जागरुकता
उन्होंने बताया रेलवे सुरक्षा बल सक्रिय रुप से रेलवे स्टेशनों पर, रेल उपयोगकर्ताओं, रेलवे ट्रैक के आस-पास रहने वाले लोगों, यात्रीयों व स्थानीय लोगों के बीच जागरुकता अभियान चलाकर मानव तस्करी से संबंधित संकेतो के बारे में शिक्षित व संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट कानून को प्रर्वतन करने वाले एजेंसियों को करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
सहयोग
रेलवे सुरक्षा बल मानव तस्करी से संबंधित खुफिया जानकारी साझा करने, बचाव प्रयासों में समन्वय और तस्करी विरोधी उपायों को मजबूत करने के लिए विभिन्न सरकारी एजेंसियों, गैर सरकारी संगठनों और अंतराष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग करता है । रेलवे सुरक्षा बल (रेसुब) ने वर्ष 2022 में बचपन बचाओ आंदोलन संस्था के साथ पहले ही एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। राष्ट्रीय महिला समीति द्वारा गत वर्ष 30 अप्रैल को मानव तस्करी के विरुद्ध कार्य गुणवता सुधार हेतु एक दिवसीय जागरुकता कार्यशाला को आयोजन पं. दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल के सहयोग से किया जा चुका है ।