रिपोर्ट: देवब्रत मंडल
केंद्र सरकार के स्तर से गया जिले में राशनकार्ड के लाभुकों की आर्थिक स्थिति का आंकलन कर लिए जाने के बाद अब उसे रद्द करने जा रही है। फिलहाल बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर यह कार्य शिथिल पड़ गया था लेकिन अब जबकि चुनाव खत्म हो चुके हैं और नई सरकार अस्तित्व में आ गई है। ऐसे में अब इस दिशा में कार्य तेजी से निबटाने के लिए संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है।
57335 राशनकार्ड संदेह के घेरे में
बताया गया कि सदर अनुमंडल के विभिन्न प्रखंडों के अलावा जिले के अन्य सभी प्रखंडों में ऐसे कार्डधारकों की लगभग पहचान करा ली गई है। बहुत जल्द ही उसे निरस्त कर दिया जाएगा। जिसकी कुल संख्या 57335 है।
इन आधारों पर हुई लाभुकों की पहचान
आधार कार्ड deceased हो चुके राशनकार्ड एवं कई स्तर से हुई जांच के आधार पर सस्पेक्टेड लाभुकों की पहचान कर ली गई है। कई राशनकार्ड ऐसे हैं जो शिथिल अवस्था में हैं। वहीं सालाना एक लाख 20 हजार रुपये आय वाले, वाहन मालिक, जिनके नाम से 2.5 एकड़ जमीन है, पीएम किसान योजना के लाभुक, 18 वर्ष से कम आयु वाले एकल कार्डधारक आदि हैं, वैसे लाभार्थियों के राशनकार्ड निरस्त किए जाएंगे।
किन क्षेत्रों में कितने संदेहास्पद राशनकार्ड
| क्षेत्र | संदेहास्पद राशनकार्ड |
|---|---|
| गया नगर प्रखंड | 5895 |
| गया नगर निगम | 7297 |
| बोधगया प्रखंड | 10040 |
| वजीरगंज प्रखंड | 10029 |
| मानपुर प्रखंड | 6540 |
| फतेहपुर प्रखंड | 11928 |
| टनकुप्पा प्रखंड | 4727 |
| बेलागंज प्रखंड | 8176 |
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सरकार चाहती है पात्र लाभुकों को मुफ्त अनाज मिले
सरकार चाहती है जो राशन के असल हकदार हैं वे इस महत्वाकांक्षी योजना से वंचित नहीं रहें। मुफ्त में मिलने वाले पांच किलो अनाज के जो सही पात्र हैं उन्हें ही इस योजना के तहत कवर करना है। संभावना है कि यदि सही तरीके से इसकी जांच होती है तो संपन्न लोगों के राशनकार्ड निरस्त हो जाने के बाद असल हकदारों के हिस्से में अनाज चला जायेगा।





