नई दिल्ली/गया। बिहार राज्य कुष्ठ कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार मंडल ने मंगलवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष से मुलाकात कर देशभर के कुष्ठ रोगियों, विशेषकर गया स्थित गौतम बुद्ध कुष्ठ आश्रम सह अस्पताल की गंभीर समस्याओं से अवगत कराया।
डॉ. मंडल ने आयोग को सौंपे गए विस्तृत मांग पत्र में बताया कि कुष्ठ रोगियों को आज भी समाज में तिरस्कार की दृष्टि से देखा जाता है। रोग के कारण हाथ-पैर की अंगुलियों में विकृति या घाव हो जाने से उनके आधार कार्ड नहीं बन पा रहे हैं, जिससे वे सरकारी योजनाओं से वंचित हो रहे हैं। राशनकार्ड में नाम दर्ज होने के बावजूद पीओएस मशीन पर अंगुलियों के निशान न मिलने के कारण अनाज नहीं मिल रहा। यही समस्या सामाजिक सुरक्षा पेंशन और बैंक खातों से राशि निकासी में भी आ रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि कई योजनाओं का लाभ लेने के लिए एंड्रॉइड मोबाइल अनिवार्य कर दिया गया है, जबकि अधिकांश कुष्ठ रोगियों की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर है कि वे मोबाइल खरीदने में असमर्थ हैं। ऐसे में उन्होंने आयोग से अपील की कि कुष्ठ रोगियों के लिए डिजिटल अनिवार्यता समाप्त कर मैन्युअल प्रणाली से लाभ देने की व्यवस्था की जाए। साथ ही, पूरे देश के कुष्ठ रोगियों को न्यूनतम ₹5,000 मासिक पेंशन देने की मांग भी रखी, ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।
गया जिले के गौतम बुद्ध कुष्ठ आश्रम सह अस्पताल की स्थिति पर विशेष ध्यान आकर्षित करते हुए डॉ. मंडल ने महिला वार्ड निर्माण, जर्जर भवनों का पुनर्निर्माण, अधूरी चारदीवारी को पूरा करने, चापानल के स्थान पर मोटर पंप अधिष्ठापन और अस्पताल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने की मांग की।
आयोग के अध्यक्ष ने सभी बिंदुओं पर गंभीरता से विचार करने और आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया।