फतेहपुर। फतेहपुर थाना क्षेत्र के राजाबीघा आहर के पास गुरुवार अहले सुबह एक युवक का शव मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। मृत युवक की पहचान गुरपा थाना क्षेत्र के टेंगेनी गांव निवासी संतोष कुमार उर्फ संटू कुमार के रूप में हुई। बताया जाता है कि संटू कुमार देर रात शराब की खेप लेकर निकला था। इसी दौरान राजाबीघा के पास आबकारी विभाग की टीम शराब तस्करों को पकड़ने की फिराक में छापेमारी कर रही थी। कुछ ही देर में आहर में संटू कुमार का शव मिलने की खबर फैल गई।

शव मिलने के बाद बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और मृतक के परिजन मौके पर पहुंच गए। कुछ ही देर में आक्रोश फूट पड़ा और ग्रामीणों ने फतेहपुर–लखैपुर मुख्य सड़क को लगभग 6 घंटे तक जाम कर दिया। जाम की वजह से वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और पूरे क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी रही। मौके पर मौजूद जयपुर पंचायत के पूर्वी मुखिया सह राजद नेता मिथलेश यादव ने कहा कि युवक की मौत संदेहास्पद है और युवक की मौत की जिम्मेवार मद्य निषेध की टीम है। प्रशासन से उचित जांच की मांग करता हूं।
परिजनों का आरोप — “टीम ने पकड़कर पीटा, फिर शव आहर में फेंका

मृतक के पिता नंदलाल यादव ने मद्य निषेध विभाग की टीम पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि विभाग की टीम ने उनके बेटे को पकड़ा और बेरहमी से पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई। आरोप है कि बाद में शव को आहर में फेंक दिया गया।
परिजनों ने यह भी बताया कि जब शाम करीब 3 बजे शव को निकाला गया, तो संटू कुमार के हाथ में मोबाइल फोन मजबूती से पकड़ा हुआ था। उनका कहना है कि यदि मौत डूबने से हुई होती, तो मोबाइल हाथ से छूट जाता। परिजनों ने मांग की कि जिस युवक को मद्य निषेध की टीम ने गिरफ्तार किया है, उसे मौके पर लाया जाए ताकि घटना की सच्चाई सामने आ सके।
आबकारी विभाग का पक्ष — किसी को दौड़ाया नहीं, आरोप झूठे
सहायक आयुक्त, मद्य निषेध विभाग प्रियरंजन ने सभी आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि इंस्पेक्टर गणेशचंद्र की अगुवाई में टीम फतेहपुर में छापेमारी के लिए गई थी। टीम को देखते ही चार–पांच बाइक सवार युवक भागने लगे। एक युवक को गिरफ्तार किया गया, बाकी किस दिशा में भागे — इसकी जानकारी विभाग को नहीं है।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि मृतक शराब तस्कर था या नहीं, इसकी भी पुष्टि अभी नहीं हुई है। साथ ही परिजनों के आरोपों को “बेबुनियाद” बताते हुए दावा किया कि विभाग ने न किसी को दौड़ाया और न ही किसी तरह की मारपीट की।
तनाव बढ़ा तो कई थानों की पुलिस बुलाई, कैंप डीएसपी पहुंचे

जाम और बढ़ती भीड़ को देखते हुए मौके की स्थिति बिगड़ने लगी। इसके बाद प्रशासन ने एहतियातन कई थानों की पुलिस फोर्स को बुलाया।
स्थिति नियंत्रित करने के लिए वजीरगंज कैंप के डीएसपी सुनील पांडेय स्वयं मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को निष्पक्ष और उचित जांच का आश्वासन दिया।
डीएसपी और स्थानीय प्रशासन के समझाने-बुझाने के बाद ग्रामीण धीरे-धीरे मानने लगे और अंततः देर शाम सड़क जाम हटाया गया। हालांकि ग्रामीणों का गुस्सा पूरी तरह शांत नहीं दिखा और वे मामले की पारदर्शी जांच की मांग पर अड़े रहे।
पुलिस जांच जारी, कई सवालों के जवाब बाकी
फतेहपुर थाना पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का वास्तविक कारण स्पष्ट हो पाएगा।
घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं—
- क्या संटू वास्तव में शराब तस्करी में शामिल था?
- छापेमारी के दौरान क्या इसे दौड़ाया गया या मारपीट हुई।
- मौत डूबने से हुई या किसी अन्य वजह से?
फिलहाल पूरा क्षेत्र इस घटना की वास्तविकता सामने आने का इंतजार कर रहा है। प्रशासन की हर कार्रवाई पर लोगों की कड़ी नजर है।






