मगध अपडेट बिहार राजनीति क्राइम शिक्षा खेल नौकरी धर्म

कहानी एक पुल की है जो सिर्फ लोहे और केबल से नहीं, हिम्मत और हुनर से भी बना है: आइये जानते हैं ‘अंजी खड्ड’ के बारे में

On: Friday, April 11, 2025 4:20 PM

देवब्रत मंडल

जब घाटियां गहरी होती हैं और पहाड़ रास्ता रोकते हैं, तब इंसान के सपने ऊंचे हो जाते हैं। कश्मीर के दिल तक पहुंचने के इन्हीं ऊंचे सपनों ने फिर से एक नई कहानी को जन्म दिया है। ये कहानी एक पुल की है जो सिर्फ लोहे और केबल से नहीं, हिम्मत और हुनर से भी बना है। ये कहानी है भारत के पहले केबल-स्टेड रेलवे ब्रिज- अंजी खड्ड ब्रिज की जो जम्मू-कश्मीर की चुनौतीपूर्ण घाटियों के बीच, अंजी नदी की गहरी खाई को पाटता है। कटरा और रियासी के बीच कनेक्टिविटी को एक नया आयाम देने जा रहा यह अद्भुत संरचना भारतीय इंजीनियरिंग के आत्मविश्वास और कौशल की मिसाल है।

कटरा-बनिहाल रेलखंड में बनाया गया है ये रेल ब्रिज

यह ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर- बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो कटरा-बनिहाल रेल खंड में बनाया गया है। ऊबड़-खाबड़ रास्ते और कठिन भौगोलिक परिस्थितियाँ जैसी सभी सीमाओं को पार कर यह ब्रिज घाटी को देश के बाकी हिस्सों से और मजबूती के साथ जोड़ रहा है।

नदी तल से 331 मीटर ऊंचाई पर बना यह पुल 11 महीने में तैयार

आकर्षक डिजाईन के साथ बने इस ब्रिज का निर्माण कार्य सिर्फ 11 महीने में ही पूरा कर लिया गया है जो नदी तल से 331 मीटर ऊंचाई पर स्थित है जबकि नीव से 193 मीटर ऊंचा एक मजबूत सेंट्रल पायलन पर टिका हुआ है, जो इसकी पूरी संरचना को संतुलन में रखता है। अंजी खड्ड ब्रिज, चिनाब ब्रिज के बाद भारत का दूसरा सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज भी है।

96 केबलों के सहारे बना भारत का दूसरा सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज

इस ब्रिज को 96 केबलों के सहारे बनाया गया है जिनका कुल वजन 849 मीट्रिक टन और कुल लंबाई 653 किलोमीटर है। 725 मीटर लम्बे इस ब्रिज की संरचना में 8,215 मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है।

इस ब्रिज के निर्माण से जम्मू-कश्मीर के विकास के तार जुड़ गए

मौजूदा आवश्यकताओं के मद्देनजर बने इस ब्रिज से जम्मू-कश्मीर के विकास के तार जुड़े हुए हैं। यह ब्रिज घाटी के दूर-दराज इलाकों मेंं बसे गांवों और कस्बों का बड़े शहरों के साथ सीधा संपर्क स्थापित करता है जिससे विकासशील जगहों पर चिकित्सा, शिक्षा और अन्य सुविधाओं की उपलब्धता आसान हो जाएगी। बेहतर कनेक्टिविटी के वजह से स्थानीय लोगों लिए रोज़गार के नए अवसरो का सृजन होगा साथ ही घाटी में व्यापार और पर्यटन को भी जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा।

पुल के निर्माण से जुड़ी खास बातें

पुल की कुल लंबाई: 725 मीटर
नदी के तल से ऊंचाई: 331 मीटर
सेंट्रल पायलन की ऊंचाई: 193 मीटर
केबल की संख्या: 96
केबल का कुल वजन: 849 मीट्रिक टन
केबल की कुल लंबाई: 653 किलोमीटर
निर्माण में कुल स्टील का इस्तेमाल: 8,215 मीट्रिक टन

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Leave a Comment

📰 Latest:
राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने की तैयारी तेज,बैकलॉग मामलों के निपटारे पर जोर, बैंक–इंश्योरेंस अधिकारियों के साथ बैठक | टीटीई का ऐप तुरंत पकड़ लेगा फर्जी टिकट, डीडीयू मंडल में चला जागरूकता अभियान, यात्रियों को बताई गई अनारक्षित टिकट की खास सुरक्षा विशेषताएँ | मानपुर जंक्शन से तीन क्विंटल सूखी लकड़ियां जब्त: मगध लाइव की अंडरकवर रिपोर्ट का फिर दिखा असर, रेलवे सुरक्षा बल की कार्रवाई से खुला अवैध नेटवर्क का सच | गया जंक्शन पर पानी लेने उतरी और ट्रेन छूट गई, RPF ने कुछ ही मिनटों में महिला को सुरक्षित पति के सुपुर्द किया | अतरी में मनमानी पर उतरा सिस्टम: एक साल से वृद्धापेंशन की गुहार लगाते-लगाते थक गए 70 वर्षीय विशेशर चौधरी, ऑपरेटर बोला– बहुत एडवांस बन रहा है, देखते हैं किससे पेंशन बनवाता है | फतेहपुर के चर्चित शिवम हत्याकांड का फरार आरोपी नित्यानंद गिरफ्तार, लोकेशन ऑन होते ही पुलिस ने दबोचा | ब्रेकिंग न्यूज: फतेहपुर के भारे मोड़ पुल पर फिर हुआ हादसा, दो युवक बाइक समेत नहर में गिरे, एक फरार, दूसरा गंभीर रूप से घायल | बेलागंज में अपराधी बेखौफ, थाना से कुछ कदम दूर महिला से 48 हजार की लूट | फोन पर बोली थी – मेरी हत्या कर दी जाएगी , अगले ही दिन फंदे से लटकी मिली नवविवाहिता | बोधगया में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध समागम का भव्य आगाज: विश्व शांति के लिए त्रिपिटक पूजा और यात्रा का शुभारंभ |