देवब्रत मंडल
कोतवाली थाना क्षेत्र के तेलबिगहा में कचड़ा उठाने के3 दौरान हुए विस्फोट में घायल हुए दो मासूम बच्चों का इलाज मगध मेडिकल अस्पताल में चल रहा है। लेकिन इन बच्चों के परिजनों को दवाइयां अस्पताल के बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं, जिससे गरीब परिवार की तकलीफें और बढ़ गई हैं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नेशनल ह्यूमन राइट्स एंड पब्लिक वेलफेयर ट्रस्ट (NHRPWT) की टीम ने अस्पताल का दौरा किया और बच्चों के बेहतर इलाज के लिए अपील की।
मदद के लिए आगे आई संस्था
NHRPWT के संस्थापक सह सचिव गणेश सिंह ने बताया कि घायल बच्चे सहोदर भाई हैं, जिनके पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनकी मां, रेखा देवी, अत्यंत गरीब और अनपढ़ हैं तथा महादलित समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। संस्था ने बच्चों की पीड़ा को देखते हुए उनकी आर्थिक मदद की है। राशन सामग्री, फल, कंबल, कपड़े और नगद राशि देकर परिवार को राहत पहुंचाई गई है।
गणेश सिंह ने अस्पताल प्रशासन से बच्चों के इलाज में पूरी मदद करने का अनुरोध किया और साथ ही स्थानीय वार्ड पार्षद, मेयर, डिप्टी मेयर, और अन्य जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे इन मासूमों की सहायता के लिए आगे आएं।
परिजनों के आरोप: बाहर से खरीदनी पड़ रही दवाइयां
बच्चों के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें दवाइयां बाजार से खरीदकर लानी पड़ रही हैं। जब इस मुद्दे की जानकारी अस्पताल अधीक्षक को दी गई, तो उन्होंने तुरंत मामले का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया।
पुलिस की जांच: पटाखों के बारूद का इस्तेमाल
घटना की जांच में जुटे एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि एफएसएल और बम निरोधक दस्ते की प्रारंभिक जांच में यह निम्न तीव्रता वाला विस्फोट पाया गया है। इसमें बाजार में मिलने वाले पटाखों के बारूद का इस्तेमाल हुआ था। हालांकि, घायल बच्चों को मामूली चोटें आई हैं और वे अब खतरे से बाहर हैं।
दूसरी घटना में भी जांच जारी
एसएसपी ने साथ ही 16 नवंबर को सिविल लाइन थाना क्षेत्र में हुए विस्फोट की जांच का जिक्र करते हुए कहा कि यह घटना इलेक्ट्रॉनिक शॉर्ट सर्किट के कारण हुई प्रतीत होती है। यहां किसी प्रकार के बारूद के अंश नहीं मिले हैं। पुलिस ने दोनों घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए विस्तृत जांच शुरू कर दी है।