लू से बचाव
कविता: लू से बचें और सहेजें जीवन – शेखर
“लू से बचें और सहेजें जीवन”“शेखर “ तप रही धरती, जल रहा है गगन,हवा हुई गरम, बढ़ गया तपन,यह लू लिए आई है ,गर्मी की....
“लू से बचें और सहेजें जीवन”“शेखर “ तप रही धरती, जल रहा है गगन,हवा हुई गरम, बढ़ गया तपन,यह लू लिए आई है ,गर्मी की....