टिकारी संवाददाता: लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए औरंगाबाद के राजद सांसद अभय कुमार सिन्हा ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में सुनहरे सपनों का जिक्र किया गया। लेकिन हकीकत में जनता को सिर्फ आश्वासन, वादे और वर्ष 2047 के दिव्य सपने मिले। उन्होंने महाकुंभ में हुई भगदड़ और श्रद्धालुओं की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए सरकार को
कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि सरकार आस्था को इवेंट बना रही है। लेकिन कुशासन के कारण श्रद्धालुओं को अपनी जान गंवानी पड़ रही है। अगर सब कुछ प्रशासन के नियंत्रण में था तो भगदड़ क्यों मची। उन्होंने मृत श्रद्धालुओं के परिवारों को कम से कम एक करोड़ रुपए का मुआवजा देने की मांग की।
सांसद कुशवाहा ने बेरोजगारी के बढ़ते आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि सरकार कह रही है कि अर्थव्यवस्था फल-फूल रही है। लेकिन सच्चाई यह है कि जनता की जेब खाली हो रही है। बेरोजगारी दर हर साल बढ़ रही है। 2014 में हर साल 2 करोड़ नौकरी का वादा किया गया था। लेकिन आज युवा रोजगार के लिए भटक रहे हैं। उन्होंने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के की मांग करते हुए कहा कि इससे निवेश और औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही योजनाओं की समीक्षा की मांग करते हुए एनएच 139 (पटना-विक्रम-अरवल औरंगाबाद-हरिहरगंज-झारखंड) का निर्माण कराने, गया में मेट्रो का विस्तार केंद्रीय विश्वविद्यालय तक करने, सीयूएसबी का नाम बदलकर सम्राट अशोक केंद्रीय विश्वविद्यालय करने, झारखंड में कूटकू डैम के फाटक का निर्माण शीघ्र पूरा करने, देश में जातीय जनगणना आदि की मांग सदन में दमदार ढंग से की। अंत मे उन्होंने कहा कि सरकार को सिर्फ वादों और भाषणों से नहीं, बल्कि ठोस नीतियों और योजनाओं से जनता को राहत देनी होगी। बिहार और झारखंड के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए वे संघर्ष जारी रखेंगे।