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गांधी मैदान में मगध पुस्तक मेला सह सांस्कृतिक महोत्सव का भव्य आगाज़, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने किया उद्घाटन

On: Tuesday, December 23, 2025 1:17 PM

गया जी। ऐतिहासिक गांधी मैदान में मंगलवार को मगध पुस्तक मेला सह सांस्कृतिक महोत्सव का भव्य शुभारंभ हुआ। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री जीतनराम मांझी  ने दीप प्रज्वलित कर महोत्सव का औपचारिक उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह में बड़ी संख्या में साहित्य-प्रेमी, कलाकार, विद्यार्थी और शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

उद्घाटन अवसर पर औरंगाबाद के पूर्व सांसद सम्मानित अतिथि के रूप में मौजूद रहे। वहीं शैक्षिक विशिष्ट अतिथि के तौर पर मगध विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. डॉ. बी.के. मंगलम तथा बोधगया मठ से स्वामी विवेकानंद गिरी जी ने समारोह की गरिमा बढ़ाई।

पुस्तक और संस्कृति समाज की रीढ़ : जीतन राम मांझी

अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि पुस्तक मेले और सांस्कृतिक आयोजन समाज में ज्ञान, विचार और चेतना के विस्तार का सशक्त माध्यम होते हैं। ऐसे आयोजन युवाओं और विद्यार्थियों को साहित्य, अध्ययन और रचनात्मक सोच से जोड़ते हैं। उन्होंने मगध की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने में इस महोत्सव की भूमिका को अहम बताया। विशेष रूप से मगही भाषा में दिए गए उनके संबोधन ने श्रोताओं को भावनात्मक रूप से जोड़ा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विजय कुमार करण ने की। मंच पर एडवोकेट जावेद यूसुफ, गया घराने के संगीतकार राजन सिजूआर, अनंतधीश अमन सहित कई विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे।

मगही नाटक ‘दशरथ मांझी’ ने बांधा समां

उद्घाटन के पश्चात प्रयास रंगमंडल, पटना द्वारा प्रसिद्ध रंग निर्देशक व लेखक के लिखित-निर्देशित चर्चित मगही नाटक “दशरथ मांझी” का प्रभावशाली मंचन किया गया। ‘माउंटेन मैन’ दशरथ मांझी के संघर्ष, संकल्प और सामाजिक चेतना को नाटक ने बेहद सशक्त ढंग से प्रस्तुत किया। हर संवाद पर तालियों की गूंज से पूरा प्रेक्षागृह भावविभोर नजर आया।

मगही नाटक “दशरथ मांझी” के कुछ दृश्य
मगही नाटक “दशरथ मांझी” के कुछ दृश्य

मिथिलेश सिंह ने बताया कि यह नाटक देश के विभिन्न शहरों में मंचित हो चुका है और गया में इसका यह 40वां मंचन रहा। उन्होंने दशरथ मांझी से जुड़ी गहलौर-रेल परियोजना को शीघ्र प्रारंभ करने और उन्हें भारत रत्न देने की मांग भी दोहराई।

नाटक में दशरथ मांझी की भूमिका उदय कुमार शंकर और फगुनिया की भूमिका रजनी शरण ने निभाई। फगुनिया का संवाद— “छोड़ द जी, अब पानी-पानी हो गेलिव”— पर दर्शकों की तालियों से सभागार गूंज उठा। अन्य भूमिकाओं में दीपक आनंद, सदानंद पासवान, विनोद कुमार, गिरीश मोहन, वीणा गुप्ता, रामेश्वर कुमार और सौरभ कुमार ने भी सशक्त अभिनय किया।

कल महिला-केंद्रित कार्यक्रमों पर रहेगा फोकस

महोत्सव में अतरी विधायक ने आयोजन समिति को बधाई दी और कलाकारों के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की। कार्यक्रम के अंत में सभी कलाकारों को अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। गैलेंट इंडिया फाउंडेशन के सचिव विवेक कुमार ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।

गौरतलब है कि 23 दिसंबर से 2 जनवरी तक चलने वाले इस 11-दिवसीय महोत्सव में देशभर के प्रतिष्ठित प्रकाशकों की भागीदारी के साथ नाट्य प्रस्तुतियां, लोकगीत-संगीत, कवि सम्मेलन, विचार गोष्ठियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही मगध मेधा कंपटीशन के तहत विभिन्न स्कूल-कॉलेजों के विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगिताएं भी होंगी।

आयोजन समिति सदस्यों के साथ केंद्रीय मंत्री माननीय जीतन राम मांझी

आयोजन समिति के अनुसार बुधवार को इंस्ट्रूमेंट प्लेइंग और निबंध लेखन प्रतियोगिता, जबकि महिलाओं को समर्पित विशेष दिवस पर मासिक धर्म जैसे विषयों पर नुक्कड़ नाटक और परिचर्चा का आयोजन किया जाएगा।

आयोजक मंडल ने गया जी और आसपास के सभी साहित्य-प्रेमियों व सांस्कृतिक अनुरागियों से इस महोत्सव में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की है।

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