✍️देवब्रत मंडल

15689 गया-कामख्या एक्सप्रेस में मंगलवार को हुए हंगामे की वजह से एक रेलकर्मी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। विभागीय स्तर से हुई प्रारंभिक जांच में गया जंक्शन के आरक्षण पर्यवेक्षक के विरुद्ध विभागीय स्तर से बड़ी कार्रवाई की गई है।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल के एक पदाधिकारी ने बताया कि इस मामले में गया जंक्शन के आरक्षण पर्यवेक्षक के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की गई है।
बता दें कि मंगलवार को 15689 गया-कामाख्या साप्ताहिक एक्सप्रेस में एस-7 कोच नहीं लगे थे लेकिन इस कोच में 63 यात्रियों ने अपने टिकट बुकिंग करा चुके थे। जब गया जंक्शन से ये ट्रेन खुलने वाली थी इस कोच के यात्री अपना कोच नहीं रहने के कारण परेशान हो गए थे। ट्रेन खुलने के बाद आक्रोशित यात्रियों ने ट्रेन को वैक्यूम कर रोक दिया था और अपनी कोच की व्यवस्था करने की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिए थे। इसके बाद ट्रेन को बैक करना पड़ा। एक स्लीपर कोच जोड़ा गया था। इसके बाद गया जंक्शन से यह ट्रेन दो घन्टे देरी से खुली।
रेलवे सूत्रों ने बताया कि इस ट्रेन का चार्ट सोमवार की रात ही गया जंक्शन के आरक्षण कार्यालय से तैयार किया जा चुका था। रेलवे के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इस ट्रेन के कम्पोजीशन का मेमो आरक्षण कार्यालय को सुबह सात सवा सात बजे ही कैरेज एंड वैगन विभाग द्वारा उपलब्ध करा दिया गया था लेकिन इस मेमो को नजरअंदाज कर दिए जाने के फलस्वरूप यह समस्या उत्पन्न हो गई थी और नतीजा यह हुआ कि एक तरफ जहां यात्रियों को परेशानी हुई तो दूसरी तरफ इस ट्रेन में लगाए गए एक एसी कोच में टिकटों की बुकिंग नहीं हो सकी। जिससे रेल को राजस्व की हानि हुई।
इधर, रेलवे सूत्रों ने बताया इस ट्रेन में एक स्लीपर कोच को हटा लिए जाने और इसकी जगह एक एसी कोच जोड़े जाने से संबंधित पत्र इस घटना के बाद गया जंक्शन के संबंधित पर्यवेक्षकों को भेजी गई।
बहरहाल, प्रारंभिक जांच में आरक्षण पर्यवेक्षक की गलती सामने आने पर इनके विरुद्ध ‘दंडनीय’ कार्रवाई करते हुए पूर्व मध्य रेल मुख्यालय को अवगत करा दिया गया है। इसके अलावा इस घटना की उच्चस्तरीय जांच भी शुरू कर दी गई है।