✍️देवब्रत मंडल
भारतीय रेल नित्य नई ऊंचाइयों को छू रही है। हाल ही में एक साथ छः मालगाड़ी सात इंजनों के साथ चलाई गई। यह गौरव पूर्व मध्य रेल के डीडीयू मंडल को प्राप्त हुआ। भारतीय रेल में पहली बार इतनी लंबी ट्रेन चली। और अब इसी रेल मंडल के गया जंक्शन के कार्यालयों में कार्य करने ‘बाबू’ को टॉर्च की लाइट जलाकर काम का निबटारा करना पड़ रहा है तो अपने आप में एक बड़ी बात है।


हम बात कर रहे हैं गया जंक्शन के नए भवनों की। खूबसूरती को अपने आप में समेटे इस स्टेशन बिल्डिंग के एक हिस्से में एकबारगी से कई महत्वपूर्ण कार्यालय संचालित हो रहे हैं। लेकिन इस आधुनिक सुविधाओं से लैश कार्यालयों में कार्य करने वाले कर्मचारियों को मोबाइल का टॉर्च जलाकर काम करना पड़ता है।

ये दृश्य सोमवार दिनांक 11 अगस्त 2025 के दोपहर बाद के हैं। इस आधुनिक सुविधाओं से लैश कार्यालय में स्टेशन अधीक्षक के कार्यालय में कर्मचारी को मोबाइल का टॉर्च जलाकर कार्य करते देखा गया। ऐसी बात नहीं है कि यहां विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था नहीं है। है, लेकिन आपूर्ति का टोटा है। कई कार्यालयों में काफी देर तक अंधेरा कायम था। पूछने पर रेलकर्मियों ने अपने अपने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि पत्रकार महोदय, कार्यालय में एसी और पंखे भी लगे हुए हैं। प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था भी है लेकिन बिजली सप्लाई बंद हो जाने पर अंधेरा छा जा जाता है।
रेलकर्मियों ने बताया कि जिस एजेंसी के द्वारा भवन का निर्माण कराया जा रहा है उन्हीं की जिम्मेवारी है यहां विद्युत आपूर्ति बहाल रखना। लेकिन उनकी मर्जी होती है तब ही लाइन दिया जाता है। हमलोगों के कहने से कोई सुनते ही नहीं। एसी केवल दिखावे की है। कब से इसे चालू ही नहीं किया जा रहा है। उमस भरे मौसम में एक दो रेलकर्मियों को हाथ का पंखा से राहत पाते देखा गया।
बता दें कि गया जंक्शन को विश्वस्तरीय बनाया जा रहा है। बात तो एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं देने की है लेकिन कार्यालयों में बिजली का टोटा देखने को मिल रहा है। यह स्थिति काफी दिनों से बनी हुई है। विद्युत आपूर्ति जब की जाती है तो एसी का लाइन नहीं दिया जाता है।
गया जंक्शन के डेल्हा साइड में बने आधुनिक बिल्डिंग का नाम ‘Southern departure building’ दिया गया है। इस भवन के निचले तल में द्वितीय श्रेणी टिकट घर, सीआईटी(एडमिन) व बैच इंचार्ज(बीआईसी) कार्यालय तथा डीएसटीई(मंडल संकेत एवं दूरसंचार अभियंता) के कार्यालय हैं। जबकि ऊपरी तल पर इसीआरकेयू (रेलवे यूनियन) का कार्यालय, स्टेशन डायरेक्टर का कार्यालय, यातायात निरीक्षक(टीआई), सीएस(जी), डिप्टी एसएस(वाणिज्य) एवं बिहार राज्य पर्यटन विभाग का कार्यालय, आसूचना विभाग (रेलवे सुरक्षा बल), स्टोर (एसएस), स्टेशन अधीक्षक तथा मुख्य सफाई निरीक्षक(सीएचआई) के कार्यालय संचालित हो रहे हैं। इस कार्यालय के पर्यवेक्षक स्तर के कर्मचारियों का कहना है कि सफाई भी नहीं की जाती है। बिजली आपूर्ति का दंश झेल कर कार्यों का निबटारा करना पड़ता है।