गया। गया के किलकारी बिहार बाल भवन में आज से ‘लुम्बिनी से बोधगया’ पेंटिंग प्रदर्शनी का शुभारंभ हो रहा है, जिसमें महात्मा बुद्ध के जीवन से जुड़ी अनूठी कलाकृतियों का प्रदर्शन किया जाएगा। आसरा सेवा केंद्र और बी.पी. कोइराला इंडिया-नेपाल फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस कार्यशाला के तहत 20-25 अक्टूबर तक विभिन्न कलाकारों ने बुद्ध के जीवन के प्रमुख क्षणों को पेंटिंग्स के रूप में सजीव किया है, जिनमें उनकी जन्म से लेकर ज्ञान प्राप्ति तक की घटनाएं शामिल हैं।
इस प्रदर्शनी में देश के कई मशहूर और पुरस्कार विजेता कलाकारों की कला का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। पद्मश्री शांति देवी ने बुद्ध की ध्यानमग्न अवस्था को चित्रित किया है, जबकि पद्मश्री दुलारी देवी ने पांच बौद्ध भिक्षुओं को ज्ञान देते हुए बुद्ध का चित्रण किया है। इसके साथ ही, राज्य पुरस्कार विजेता भगवान ठाकुर, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अम्बिका देवी, हेमा देवी और अन्य कलाकारों ने भी अपने-अपने अनूठे अंदाज में बुद्ध के जीवन के विभिन्न पहलुओं को उकेरा है।
कार्यशाला की संयोजक फिरदौस कौसर ने बताया, “यह प्रदर्शनी दर्शकों को एक अलग ही अनुभव कराएगी। महात्मा बुद्ध की जीवन यात्रा को पेंटिंग्स के माध्यम से देखकर दर्शक बुद्ध के दर्शन से आत्मिक जुड़ाव महसूस करेंगे।” उन्होंने आगे बताया कि इस प्रदर्शनी के बाद इन कलाकृतियों को पटना के बिहार संग्रहालय और अन्य स्थानों पर भी प्रदर्शित किया जाएगा।
किलकारी, गया के कार्यक्रम समन्वयक राजीव रंजन श्रीवास्तव ने कहा, “प्रदर्शनी में बुद्ध के जीवन के विभिन्न महत्वपूर्ण क्षणों को देखकर कला प्रेमी एक अनूठे अनुभव का साक्षात्कार करेंगे।”
गया शहर के लोग और कला प्रेमी आज इस अनोखी प्रदर्शनी में बड़ी संख्या में शामिल होकर बुद्ध के जीवन की इन झलकियों का आनंद उठा सकते हैं।