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गया में SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम की समीक्षा बैठक, 1.32 करोड़ से अधिक की सहायता वितरित

On: Wednesday, December 24, 2025 1:58 PM

डीएम ने फरार अभियुक्तों की शीघ्र गिरफ्तारी और समयबद्ध अनुकंपा नियुक्ति के दिए निर्देश

गयाजी। जिला पदाधिकारी शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में समाहरणालय सभाकक्ष में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत गठित जिला स्तरीय सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में अधिनियम के अंतर्गत दर्ज मामलों, मुआवजा वितरण, पेंशन, अनुकंपा नियुक्ति एवं अभियोजन की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की गई।

समीक्षा में बताया गया कि अधिनियम के तहत प्रथम किस्त में 113, द्वितीय किस्त में 46 तथा अंतिम किस्त में 1 लाभुक को सहायता दी गई। इस प्रकार गया जिला राज्य में सर्वाधिक पीड़ितों को लाभान्वित करने वाला जिला बना है। इन मदों में कुल 1 करोड़ 32 लाख 92 हजार 432 रुपये व्यय किए गए हैं।

बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि हत्या के 5 मामलों में राहत अनुदान प्रदान किया गया है। पूर्व के हत्या मामलों में 86 आश्रितों को नियमित पेंशन का भुगतान किया जा रहा है, जो अद्यतन है। इसके अतिरिक्त 3 नए पेंशन मामलों के अनुमोदन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी पात्र मामलों में यात्रा भत्ता एवं दैनिक भत्ता का भुगतान सुनिश्चित किया जाए। वर्तमान में जिला कल्याण कार्यालय में कोई भी मुआवजा लंबित नहीं है।

पिछली बैठक के बाद हत्या के 5 मामलों में प्रति मामले 4 लाख 12 हजार 500 रुपये की दर से कुल 20 लाख 62 हजार 500 रुपये मुआवजा पीड़ित परिवारों को दिया गया। डीएम ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति से जुड़े मामलों में पीड़ित परिवारों को त्वरित सहायता सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसमें किसी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी।

डीएम ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि फरार अभियुक्तों की शीघ्र गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए तथा किसी भी परिस्थिति में चार्जशीट दायर करने में देरी न हो। उन्होंने बताया कि सितंबर 2020 के बाद हत्या के मामलों में मृतक के आश्रित को चतुर्थ श्रेणी में अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान है। संबंधित मामलों में अनुकंपा समिति की बैठक शीघ्र कराने के निर्देश दिए गए हैं।

टिकारी और खिजरसराय में अनुसूचित जाति से जुड़े हत्या मामलों में अब तक सहायता नहीं मिलने पर जिला पदाधिकारी ने अनुमंडल कल्याण पदाधिकारी टिकारी एवं जिला कल्याण पदाधिकारी से स्पष्टीकरण तलब करने का आदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अनुकंपा नियुक्ति में किसी भी स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बैठक में यह भी बताया गया कि 1 जुलाई 2024 से लागू प्रावधानों के तहत किसी भी थाने में जीरो एफआईआर दर्ज की जा सकती है। बीते 10 महीनों में एससी/एसटी से जुड़े मामलों में 300 से अधिक गिरफ्तारियां की गई हैं। डीएम ने कहा कि कोई भी वांछित अपराधी कानून से बच नहीं पाएगा।

पोस्टमार्टम एवं इंजरी रिपोर्ट में देरी की शिकायतों पर डीएम ने मगध मेडिकल कॉलेज प्रशासन को समयबद्ध रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए तथा इस संबंध में जांच टीम गठित करने का आदेश भी दिया।

बैठक में नगर पुलिस अधीक्षक गया, जिला कल्याण पदाधिकारी, सिविल सर्जन के प्रतिनिधि, मगध मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, अभियोजन पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, एससी/एसटी थाना प्रभारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं समिति के सदस्य उपस्थित रहे।

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