रिपोर्ट: राहुल नयन , बाराचट्टी
बाराचट्टी प्रखंड के भलूआ और पतलुका पंचायत में बुधवार को विधायक ज्योति देवी ने 50 लाख की लागत से बनने वाले कन्या विवाह मंडप का शिलान्यास किया। पंचायती राज विभाग की इस योजना के तहत मंडप निर्माण के लिए 5 लाख की अग्रिम राशि भी जारी कर दी गई है। मंडप गरीब और कमजोर तबके की बेटियों के विवाह व सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए सुविधा उपलब्ध कराएगा।
लेकिन शिलान्यास समारोह का माहौल उस समय बदल गया, जब ग्रामीणों और युवाओं ने क्षेत्र की मुख्य समस्याओं—71 माइल से पिपराही तक की जर्जर सड़क और बड़की चापी में पुल निर्माण—को लेकर विधायक से सवाल दाग दिए। बरसात में इस रास्ते पर मरीजों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाना बेहद कठिन हो जाता है। कुछ साल पहले ट्रैक्टर से महिला को अस्पताल ले जाने की घटना ने लोगों को झकझोर दिया था।
ग्रामीणों का सवाल था कि “जब सरकार आपकी है, मंत्री आपके हैं, तो वन विभाग सड़क निर्माण में क्यों रोड़े अटका रहा है?” वहीं बड़की चापी में पुल निर्माण की मांग को लेकर भी नाराजगी जताई गई। इन सवालों पर विधायक ज्योति देवी का जवाब ग्रामीणों को चौंकाने वाला रहा। नाराजगी भरे लहजे में उन्होंने कहा हमें आपका वोट नहीं चाहिए। यह बयान सुनते ही सभा स्थल पर मौजूद युवाओं और ग्रामीणों में आक्रोश साफ दिखा। विधायक हाथ जोड़कर मंच से उतरीं और गाड़ी में बैठकर रवाना हो गईं।
हालांकि, प्रमुख प्रतिनिधि जगदीश यादव ने कन्या विवाह मंडप योजना को क्षेत्र के लिए “खुशखबरी” बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य गरीब परिवारों की बेटियों का विवाह गरिमापूर्ण तरीके से कराना और ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है। लेकिन हकीकत यह है कि विवाह मंडप की सौगात के बीच सड़क और पुल जैसी बुनियादी जरूरतों पर विधायक की “वोट नहीं चाहिए” वाली प्रतिक्रिया अब बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुकी है।