देवब्रत मंडल

शनिवार को गया जंक्शन से खुली धनबाद-सासाराम इंटरसिटी एक्सप्रेस के इंजन के आगे आकर एक व्यक्ति अपनी जान दे दी। जिसकी पहचान खबर लिखे जाने तक नहीं हो सकी थी। इस घटना के बाद रेल प्रशासन हलकान रहा। कारण कि व्यक्ति का शव रेल पटरियों के बीच आ गया था। जिसके कारण अप लाइन पर ट्रेनों का मूवमेंट रूक गया था। गया जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर 20887 वाराणसी को जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस 09:52 बजे आकर खड़ी हो गई थी। इस ट्रेन को इसी अप लाइन से गुजरना था लेकिन आगे इंटरसिटी एक्सप्रेस से हुए हादसे की वजह रुकी हुई थी।
इसकी सूचना के बाद आरपीएफ के सब इंस्पेक्टर जावेद इकबाल और स्टेशन मास्टर घटनास्थल पर पहुंच गए। समस्या थी कि लाश को ट्रेन के नीचे पटरियों के बीच से निकाले कौन?
इसके बाद रेल पथ निरीक्षक(पीडब्लूआई) मनीष कुमार के अधीनस्थ ड्यूटी दे रहे गैंगमैन(ट्रैकमैन) को बुलाया गया। इंटरसिटी एक्सप्रेस के पायलट को ट्रेन को पीछे(बैक) करने को कहा गया। ट्रेन करीब 10 मीटर गया जंक्शन की ओर पुनः बैक हुई तो डेड बॉडी को गैंगमैन ने ट्रैक से अलग किया। चुकि ट्रेन की चपेट में आने से मृतक का शरीर दो टुकड़ों में बंट गया था। इसके बाद इंटरसिटी एक्सप्रेस घटनास्थल से 10:23 बजे खुली। तब लाइन क्लियर हुआ।
इसके बाद गया जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक पर आकर 09:52 बजे से ठहरी हुई वंदे भारत एक्सप्रेस 10:30 में खुली। हालांकि परिचालन विभाग से जुड़े एक रेलकर्मी ने बताया कि इसकी सूचना गया रेल थाना को समय से ही मौखिक रूप से दी जा चुकी थी लेकिन समय से कोई नहीं आ सके तो गैंगमैन के द्वारा शव को रेल पटरी पर से हटवाना पड़ा। नहीं तो ट्रेन परिचालन शुरू होने में और देरी हो सकती थी। बताया गया सिग्नल के अंदर दुर्घटना हुई थी।
हालांकि इसके बाद रेल थाना द्वारा शव को बरामद किया गया। इसके बाद आगे की कार्यवाही रेल थाना द्वारा की गई। मृतक की उम्र करीब 50 वर्ष के आसपास बताई गई है।