गया। राष्ट्रीय साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था शब्दवीणा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष पंडित कन्हैयालाल मेहरवार के आकस्मिक निधन से साहित्य और संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। शब्दवीणा की संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रश्मि प्रियदर्शनी ने स्व. मेहरवार को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें हिन्दी और मगही साहित्य-संगीत का वटवृक्ष करार दिया। उन्होंने स्वर्गीय मेहरवार जी की आत्मा की शांति और सद्गति के लिए प्रार्थना की।
डॉ. रश्मि ने कहा, “वरिष्ठ गीतकार कन्हैयालाल मेहरवार जी का स्नेहिल व्यक्तित्व और उनके अनुपम गीत श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देते थे। वे शब्दवीणा के मजबूत स्तंभों में से एक थे। उनकी स्मृतियां सदैव हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत रहेंगी। उनका योगदान अनमोल है और उनके गीतों में वे हमेशा जीवित रहेंगे।”
साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्थाओं को अपूरणीय क्षति
पंडित कन्हैयालाल मेहरवार के निधन को शब्दवीणा के साथ-साथ महारानी अहिल्याबाई होल्कर मंच, मगही साहित्य संगम, सुर सलिला, और अन्य साहित्यिक व सांस्कृतिक संगठनों के लिए अपूरणीय क्षति बताया गया है। शब्दवीणा के विभिन्न स्तरों पर कार्यरत संरक्षकों, मार्गदर्शकों और पदाधिकारियों ने गहरा शोक व्यक्त किया। शोक व्यक्त करने वालों में डॉ. प्रेमशंकर त्रिपाठी, महावीर बजाज, राजमणि मिश्र, महावीर सिंह वीर, राजन सिजुआर, डॉ. संतोष संप्रीति, वंदना चौधरी, पंकज मिश्र, प्रो. सुबोध कुमार झा, अजीत अग्रवाल, डॉ. राधानंद सिंह, और डॉ. ए.के. त्रिपाठी सहित अनेक साहित्यकार, संगीतज्ञ और समाजसेवी शामिल हैं।
स्मृतियों में जीवंत रहेंगे मेहरवार
पंडित कन्हैयालाल मेहरवार के गीत और रचनाएं न केवल साहित्य जगत की धरोहर हैं, बल्कि उनकी सादगी, स्नेह और उत्कृष्टता की मिसाल भी हैं। उनका जाना न केवल शब्दवीणा बल्कि पूरे साहित्यिक और सांस्कृतिक जगत के लिए एक युग का अंत है।