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वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल

गया जंक्शन पर संचालित इस शौचालय सह स्नानागार में आम लोगों और यात्रियों के साथ क्या होता है यह किसी से छिपा नहीं है। इसकी जानकारी उन सभी को है जो यहां की सेवा ले चुके हैं लेकिन हर कोई अपना दर्द बयां नहीं कर पाता है। कुछ लोग हैं जो अपनी बात कहने से गुरेज नहीं करते। इस डीलक्स शौचालय में एक रात पहले कुछ ऐसा हो गया जिसका अंदाजा यहां के न तो कर्मचारी को था और न तो इसका संचालन कर रहे लोगों को।

आइए जानते हैं कि आगे क्या हुआ

डीडीयू मंडल के एक अपर वाणिज्य प्रबंधक हैं मनीष कुमार। जो मंगलवार की रात आम आदमी की तरह पैरों में चप्पल पहनकर इस शौचालय में चले गए। साथ में एक एक दो और निरीक्षक संवर्ग के रेल कर्मी थे। यहां की सेवा लेने के लिए उन्होंने इस शौचालय का उपयोग किया। जिनसे निर्धारित शुल्क से अधिक की वसूली यहां के कर्मियों ने की। जो मांगा वो दे दिया गया। जो आम यात्री के साथ होता है वही इनके साथ भी हो गया। फिर क्या था, एसीएम साहेब इस अनियमितता को देख भड़क उठे और संचालक को रात में ही बुला लिया।

डीडीयू के सीनियर डीसीएम ने कहा

एसीएम मनीष कुमार द्वारा यहां औचक निरीक्षण करने के बाद मामला दर्ज किया गया। डीडीयू के सीनियर डीसीएम सुधांशु रंजन से जब magadhlive ने इस संबंध में जानकारी ली तो उन्होंने कहा यदि निरीक्षण और जांच में किसी तरह की अनियमितता या सेवाओं में कमियां पाई जाती है तो संवेदक से जुर्माना वसूला जाएगा, इसमें कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

इसके पहले भी पितृपक्ष मेला के दौरान हुई थी शिकायत

हाल ही में संपन्न पितृपक्ष मेला 2023 के दौरान तीर्थयात्रियों से अधिक वसूली की शिकायत गया के जिलाधिकारी तक पहुंची थी। जिसकी जानकारी रेल अधिकारियों तक भी पहुंची। इसके बाद इस शौचालय सह स्नानागार के संचालक से पेनाल्टी की राशि वसूली की गई थी। इस ताजे मामले में कितनी राशि जुर्माने के रूप ली गई है या अधिरोपित किया गया है, इस संबंध में स्थानीय वाणिज्य विभाग के पर्यवेक्षक लोकेश कुमार से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने इस संवाददाता के कॉल को निरुत्तर कर दिया और न कोई जवाब दे सके। बुधवार को जब व्यक्तिगत तौर पर इनके कार्यालय की तरफ गए तो ताला बंद मिला।

फर्जी टीटीई का मामला शांत नहीं हुआ

गया जंक्शन के वाणिज्य विभाग में इन दिनों परिस्तिथियां प्रतिकूल है। कुछ दिन पहले सीआईटी कार्यालय में फर्जी टीटीई का मामला सामने आया था। वायरल वीडियो के आधार पर आरपीएफ पोस्ट में मामला दर्ज कराया गया। इसके बाद तीन लोगों को हिरासत में लिया गया। इसके बाद दो की तलाश जारी है। मामले की जांच रेलवे के निगरानी विभाग द्वारा भी की जा रही है। जिसके जद में कुछ टीटीई भी आ सकते हैं।