वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल

17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा है। इसको लेकर गया जंक्शन पर पीएम विश्वकर्मा योजना को लेकर एक बड़ा कार्यक्रम है। केंद्रीय राज्यमंत्री को भी इस कार्यक्रम में आना है। जाहिर सी बात है कि डीडीयू मंडल मुख्यालय से भी अधिकारी आएंगे। लेकिन ठीक इसके एक दिन पहले ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के गया शाखा सचिव ने डीडीयू मंडल के सीनियर डीईएन (समन्वय) को ऐसा पत्र लिखा है। जिसमें कर्मचारियों और उनके आश्रितों का जीवन खतरे में जान पड़ता है। सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई गई है। साथ ही स्वास्थ्य बिगड़ने की भी आशंका जताते हुए रेल प्रशासन का ध्यानाकृष्ट कराया गया है।
पत्र का मजमून कुछ इस प्रकार है
यूनियन के गया शाखा सचिव मुकेश सिंह ने जो पत्र लिखा है, उसके बाद यह चर्चा में है कि आखिर रेलकर्मियों के रहने के लिए आवंटित किए गए आवास और आवासीय परिसर इतना असुरक्षित रहते हुए भी रेल की सेवा देने की मानो विवशता सी है। सचिव श्री सिंह ने एडीईएन /गया के अंतर्गत रेलवे क्वार्टरों की मरम्मत के संबंध में ध्यानाकृष्ट कराया है। कहा है कि एडीईएन/गया के अंतर्गत रेलवे क्वार्टरों की स्थिति खराब है।
कहा कि परिवार के सदस्यों की मृत्यु भी हो सकती है
अधिकांश बाहरी इलाके अब रहने लायक नहीं रह गए हैं। बारिश के दौरान छत से पानी टपकता है। फर्श लगभग उखड़ चुका है, उचित जल निकासी प्रणाली का कोई प्रबंधन नहीं है, अधिकांश क्वार्टरों के दरवाजों और खिड़कियों को बदलने की जरूरत है, कमरों के अंदर और कई स्थानों पर छत पर प्लास्टर उखड़ गया है, प्लास्टर की एक नई परत की जरूरत है। इस बरसात के मौसम में अधिकांश क्वार्टरों में छत से रिसाव के कारण पानी टपकने लगा है। छतों की मरम्मत की आवश्यकता है जो अन्यथा गिर जाएंगी और गंभीर चोटों का कारण बन सकती हैं और यहां तक कि परिवार के सदस्यों की मृत्यु भी हो सकती है। मरम्मत के बाद, कृपया छतों को ठीक किया जा सकता है।
खाली क्वार्टर असामाजिक गतिविधियों का केंद्र बन गए हैं
आकर्षक लुक देने के लिए पेंट(रंग रोगन) किया गया। अधिकांश रेलवे क्वार्टर ऐसे हैं जो बहुत पुराने हैं और कब्जे के लिए अयोग्य हैं और ऐसे क्वार्टरों के प्रतिस्थापन के लिए योजना बनाने के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए और क्षतिग्रस्त/परित्यक्त क्वार्टरों को भी तोड़ दिया जाना चाहिए। अधिकांश परित्यक्त घरों में दरवाज़े और खिड़कियाँ तक नहीं हैं। नतीजतन, खाली पड़े क्वार्टरों में असामाजिक तत्व जुआ खेलते हैं और शराब पीते हैं। ये खाली क्वार्टर असामाजिक गतिविधियों का केंद्र बन गए हैं और जो कुछ परिवार अभी भी यहां रहते हैं वे लगातार डरे रहते हैं। कॉलोनी के निवासियों का कहना है कि चोरी के कुछ मामले भी सामने आते रहते हैं। कॉलोनी में पूरी बाउंड्रीवाल की आवश्यकता है। कॉलोनी में झाड़ियों को काटने की जरूरत है। इंस्पेक्टर कॉलोनी, गया के नवनिर्मित भवन में चहारदीवारी पर कंटीले तार लगाने की आवश्यकता है।
रेलवे कॉलोनियों में खटाल से स्वास्थ बिगड़ने का खतरा
उन्होंने बताया है कि रेलवे कॉलोनियों में खटाल रेलवे कर्मियों और उनके परिवारों के दैनिक जीवन को बाधित कर रहे हैं और स्वास्थ्य संबंधी खतरों का भी कारण बन रहे हैं। यूनियन आपसे आग्रह करती है कि रेलवे कॉलोनी आवासीय क्षेत्र से सभी खटालों एवं अतिक्रमण को हटाने की अनुमति प्रदान की जाए। इस संबंध में अविलंब कार्रवाई की मांग की गई है।