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देवब्रत मंडल

गयाजी सजधजकर तैयार है। जिसकी छटा देखते बनती है। देवताओं के गुरु वृहस्पति भी तैयार हैं क्योंकि वृहस्पतिवार से ही गयाजी में पितृपक्ष मेला 2023 का शुभारंभ हो रहा है। फल्गु की निर्मल कलकल करती धारा दोनों तटों पर इठलाती हुई बह रही है। एक तरफ देवघाट तो दूसरी तरफ सीताकुंड इसकी अनुपम छटा को और भी बिखेर रही है। “गयाजी डैम” और सीताकुंड में निर्मित स्टील पुल और इसके साथ मिथिला पेंटिंग गयाजी की सौंदर्यता को मानो चार चांद लगा दिया है।

श्रीविष्णुपद मंदिर से लेकर संपूर्ण मेला क्षेत्र रंग बिरंगी कृत्रिम रोशनी से जगमगा रहा है। तीर्थयात्रियों का आगमन गयाजी में शुरू हो गया है। हर वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष पितृपक्ष मेला को लेकर की जा चुकी तैयारियां तारीफ़-ए-काबिल है। जिलापदधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम इसे लेकर पिछले कई महीनों से अनवरत लगे हुए हैं। सूक्ष्म से सूक्ष्म चीजों पर उनकी पैनी निगाह बनी हुई है। उनकी हर कोशिश है कि तीर्थयात्रियों को किसी तरह की तकलीफों का सामना नहीं करना पड़े।

इनके साथ नगर आयुक्त अभिलाषा शर्मा जिन पर सारा दारोमदार है नागरिक सुविधाओं का है, वे भी निरंतर एक एक चीज को देख रही हैं। फिलहाल गया में एसएसपी आशीष भारती नहीं हैं लेकिन उनकी अनुपस्थिति में सिटी एसपी सुरक्षा की कमान संभाले हुए हैं। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा में जहां जिला पुलिस बल चप्पे चप्पे पर होंगे, वही रेलवे स्टेशन पर तीर्थयात्रियों की सुरक्षा आरपीएफ़ के पोस्ट कमांडर अजय प्रकाश के मजबूत हाथों में है। गयापाल पंडा समाज भी इस बार मेले को लेकर की गई तैयारी को बेहतर कह रहे हैं।

डीएम डॉ त्यागराजन एसएम के नेतृत्व में 28 सितंबर से शुरू होकर 14 अक्टूबर तक चलने वाले इस बार का विश्वप्रसिद्ध पितृपक्ष मेला हर बार से कुछ नया ही अलग इतिहास रचने को तैयार है। भीड़ इस बार हर बार से अधिक होने की संभावना को देखते हुए यातायात व्यवस्था, भीड़ नियंत्रित करने के लिए की गई व्यवस्थाओं से किसी तीर्थयात्रियों को कोई तकलीफ़ नहीं हो, इसका पूरा पूरा ख्याल रखा गया है। गयाजी के स्वयंसेवी संगठनों के लोग भी तीर्थयात्रियों को सेवा देने के लिए तैयार हैं। स्वास्थ्य सुविधा भी बेहतर की गई है। जिस सड़कों को लेकर संबंधित विभाग की कई बार खिंचाई हो चुकी है उस विभाग के द्वारा भी कमोवेश बेहतर व्यवस्था कर दिया गया है। तीर्थयात्रियों के साथ कुशल व्यवहार की अपील डीएम अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों से कर चुके हैं। अब गयाजी के एक एक लोगों का भी परम कर्तव्य बनता है कि देश विदेश से आ रहे तीर्थयात्री अच्छा संदेश लेकर जाएं। इसके लिए जितना हो सके हाथ से हाथ मिलाकर आ रहे लोगों का स्वागत करें।