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टिकारी संवाददाता: टिकारी प्रखंड के गुलरियाचक व आसपास के गांवों में परती पड़ी जमीन पर अब दलहन, तेलहन, मक्का और सब्जी की खेती होगी। परती पड़ी जमीन पर फसल उत्पादन के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान एक योजना चला रही है। इसी योजना को धरातल पर उतारने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा. अनुप दास और प्रधान डा. उज्जवल कुमार ने गुलरियाचक में किसानों के साथ वार्ता की। इसके पूर्व उन्होंने फसलों का निरीक्षण भी किया। फिलहाल यहां करीब 200 एकड़ जमीन परती पड़ी हुई है। किसानों के साथ वार्ता के दौरान अधिकारियों ने कहा कि परती जमीन पर दलहन-तेलहन की अच्छी फसल किसानों के लिए आय का प्रमुख स्रोत हुआ करता था।
ऐसे में अब जब बारिश कम हो रही है और जमीन परती रह जा रही है। इसमें दलहन, तेलहन, मक्का आदि ऐसी फसल जिसमें कम पानी लगता हो और फसल तैयार हो जाता है। परती जमीन पर खेती करने वाले किसानों को कृषि विज्ञान केन्द्र तकनीकी सलाह देगा। मौके पर कृषि विज्ञान केन्द्र गया के वैज्ञानिक डा. अशोक कुमार, तेज प्रताप, सोनू राय ने किसानों को इसके लिए जागरूक किया। वहीं किसान आशीष कुमार सिंह ने बताया कि इस वार्ता से किसानों को बहुत तरह की जानकारी मिली है। वार्ता के दौरान जितेन्द्र कुमार, दिनेश चंद्र, उपेन्द्र प्रसाद आदि दर्जनों किसान मौजूद थे।