देवब्रत मंडल
मामला पितृपक्ष मेला 2023 के दौरान वैतरणी तालाब में डूब जाने से हुई मुन्ना मांझी की मौत का
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‘गयाजी’ में संपन्न पितृपक्ष मेला 2023 के दौरान तालाब की सफाई करने गए एक मजदूर मुन्ना मांझी की मौत डूब जाने से हो गई थी। मुन्ना मांझी नगर निगम का कर्मचारी या दैनिक दर पर कार्य करने वाला मजदूर नहीं था बल्कि निगम के द्वारा चयनित किए गए एक निजी एजेंसी का कर्मचारी था। मुन्ना मांझी की डूब कर हुई मौत के मामले में नगर निगम ने भी इस बात की पुष्टि की थी। magadhlive इस घटना को लेकर रिपोर्ट बनाई थी, जिस पर उप श्रमायुक्त ने संज्ञान लेते हुए मृतक मुन्ना मांझी के परिवार को मुआवजा देने के लिए एक पत्र नगर आयुक्त को लिखा है।
उप श्रमायुक्त ने magadhlive की खबर की छायाप्रति भी नगर आयुक्त को संलग्न किया है। जिसमें उन्होंने मृत कामगार(सफाई कर्मी) का तो पूरा पता उपलब्ध कराने को कहा ही है। साथ ही साथ उस ठीकेदार का नाम और पूरा पता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।
बताते चलें कि magadhlive ने अपनी रिपोर्ट में इस दुर्घटना के बाद कई सवाल खड़े किए थे। पहला कि मृतक मुन्ना मांझी को तैरना आता था या नहीं? दूसरा सफाईकर्मी को सेफ्टी किट प्रदान किया गया था या नहीं? जैसा कि नगर आयुक्त ने दुर्घटना के बाद अपने जारी एक प्रेस नोट में बताया था कि मृतक के बदन पर कंपनी द्वारा दिये जाने वाले वर्दी भी नहीं थे। तीसरा अहम सवाल था कि मुन्ना मांझी को वैतरणी तालाब की सफाई करने के लिए किसने यानी किसके आदेश पर तालाब में भेजा गया था?
बहरहाल, मुन्ना मांझी के परिजनों को नियमसंगत मुआवजा दिलाने के लिए उपश्रमायुक्त ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर इस दिशा में कार्यवाही शुरू कर दिया है तो उम्मीद की जा रही है कि बहुत जल्द ही पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा राशि मिल ही जाएगा। इधर वरीय अधिवक्ता मदन कुमार तिवारी ने इस पूरे मामले को लेकर संबंधित विभागों के पदाधिकारियों को भी पत्र लिखकर मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है।