रिपोर्ट: दीपक कुमार
जमुई (बिहार)। कहते हैं, “जिसका कोई नहीं होता, उसका भगवान होता है।” यह पंक्ति सोमवार को जमुई जिले के संगथू गांव में साकार होती दिखी, जब संत रामपाल जी महाराज के आशीर्वाद और प्रेरणा से संचालित मुनींद्र धर्मार्थ ट्रस्ट की विश्वव्यापी अन्नपूर्णा मुहिम ने एक टूट चुके परिवार के जीवन में उम्मीद की रोशनी भर दी।
आज इस मुहिम के तहत गांव की 60 वर्षीय वृद्ध महिला अंजोला देवी और उनके परिवार को व्यापक मानवीय सहायता प्रदान की गई। वर्षों से अभाव, बीमारी और मानसिक पीड़ा से जूझ रहे इस परिवार के लिए यह दिन किसी चमत्कार से कम नहीं था।

अंजोला देवी के इकलौते पुत्र नवल पासवान (42 वर्ष) कभी पटना के एक होटल में काम कर परिवार का भरण-पोषण करते थे। नवल की दो शादियां हुईं—पहली पत्नी सोनम देवी (40 वर्ष) से संतान नहीं हुई, जबकि दूसरी पत्नी हिरणी देवी (37 वर्ष) से एक पुत्री गीता कुमारी (6 वर्ष) है। परिवार किसी तरह सामान्य जीवन जी रहा था, लेकिन करीब चार वर्ष पूर्व नवल पासवान की मानसिक स्थिति अचानक बिगड़ गई। नौकरी छूट गई और घर की आर्थिक रीढ़ टूट गई।
समय बीतने के साथ दुख और गहराता चला गया। कुछ ही महीनों में दोनों पत्नियों की मानसिक स्थिति भी खराब हो गई। घर में केवल एक बूढ़ी मां और छह साल की मासूम बच्ची ही अपेक्षाकृत स्वस्थ बचीं। कई बार पड़ोसियों से मांगकर भोजन जुटाना पड़ा, तो कई दिन ऐसे भी आए जब घर में चूल्हा नहीं जला। पूरा परिवार अंधकार और अनिश्चित भविष्य में डूब गया।
इसी पीड़ा की आवाज अन्नपूर्णा मुहिम के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज तक पहुंची। उनके निर्देश पर शिष्य देवदूत की तरह संगथू गांव पहुंचे। जैसे ही राहत सामग्री गांव में पहुंची, ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। हर चेहरे पर हैरानी और आंखों में संवेदना साफ झलक रही थी।

परिवार को एक माह की संपूर्ण राशन सामग्री दी गई, जिसमें 15 किलो चावल, 15 किलो आटा, 5 किलो आलू, 5 किलो प्याज, 4 किलो चीनी, 1 किलो सूखा दूध, 1 किलो अचार, 2 लीटर सरसों तेल, बेसन, चार प्रकार की दालें, मसाले सहित अन्य खाद्य पदार्थ शामिल थे। इसके साथ ही प्रत्येक सदस्य को दो-दो जोड़ी कपड़े, दोनों बहुओं और वृद्ध मां को साड़ियां, सभी सदस्यों के लिए ऊनी कपड़े, स्वेटर, थर्मोकोट, शॉल, एक डबल बेड कंबल, रजाई, घरेलू उपयोग के बर्तन, साथ ही बजाज कंपनी का स्टैंड फैन और सीलिंग फैन भी प्रदान किए गए।
इस अवसर पर जमुई जिला सेवादार परमानंद दास ने कहा कि यह सहायता संत रामपाल जी महाराज के आदेश पर दी गई है। उन्होंने कहा, “हमारे गुरुदेव का संकल्प है कि धरती पर कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए, इलाज के अभाव में असमय मृत्यु न हो। रोटी, कपड़ा, शिक्षा, चिकित्सा और मकान—हर जरूरतमंद को मिले, यही अन्नपूर्णा मुहिम का उद्देश्य है।” उन्होंने बताया कि नवल पासवान का परिवार अब इस मुहिम के संरक्षण में है और आगे भी सहायता जारी रहेगी।

मदद पाकर भावुक हुईं अंजोला देवी की आंखों से आंसू छलक पड़े। उन्होंने कहा, “मैं रोज इसी चिंता में रोती थी कि मेरे बाद मेरी पोती और बेटा-बहुएं कैसे जिएंगे। आज संत रामपाल जी महाराज ने मेरी सारी चिंता दूर कर दी।”

इस मौके पर गांव के मुखिया प्रतिनिधि धीरज मोदी ने भावुक होते हुए कहा – “मैं बचपन से एक गीत सुनता आया हूं—‘जिसका कोई नहीं ,उसका तो खुदा है यारो…’ आज वो खुदा ,आज वो भगवान संत रामपाल जी महाराज के रूप में देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आज तक मैने ऐसे सेवा कार्य अपने जीवन में नहीं देखा जो सेवा कार्य संत रामपाल जी महाराज जी कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि मैं भारत के अन्य संतों से अपील करता हूं कि वे संत रामपाल जी महाराज से सिख ले की कैसे एक संत सेवा कार्य कर रहे है। ताकि वे सब भी मानवता के पथ पर चले और बेबस और लाचार परिवारों को मदद कर सके।

वहीं इस मौके पर मौजूद सैकड़ों ग्रामीण महिलाओं ने संत रामपाल जी महाराज द्वारा संचालित अन्नपूर्णा मुहिम की भरपूर सराहना की। मौके पर मौजूद करीब 60 वर्षीय एक वृद्ध महिला मैरून खातून ने खुश होते हुए कहा कि आज पूरा गांव खुश है। संत रामपाल जी महाराज ने एक गरीब परिवार का घर खुशियों से भर दिया। यह परिवार लंबे समय से अनेक दुखों से जूझ रहा था, लेकिन संत जी ने उनके सारे कष्ट दूर कर दिए।
इस पावन मौके पर जिला सेवादार सुरेन्द्र दास, लालमुनि दास, अशोक दास, रामानंद दास, गोपाल दास, कुणाल दास, विष्णु दास, नंदकिशोर दास, अजय दास, अनिल दास सहित सैकड़ों अनुयायी उपस्थित रहे। साथ ही मुखिया धीरज मोदी, सरपंच विजय ठाकुर, वार्ड सदस्य रामबालक पासवान और बड़ी संख्या में ग्रामीण इस मानवीय सेवा के साक्षी बने।





